Dhalbhumgarh Crime: नशेड़ी बेटे की सनक, पिता को पीट-पीटकर मार डाला!

धालभूमगढ़ में नशेड़ी बेटे ने पिता को डंडे से पीटकर मार डाला! रोकने पर भड़का गुस्सा, हत्या के बाद आरोपी फरार। जानें झारखंड में बढ़ते ऐसे अपराधों के पीछे की वजह।

Mar 14, 2025 - 13:50
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Dhalbhumgarh Crime: नशेड़ी बेटे की सनक, पिता को पीट-पीटकर मार डाला!
Dhalbhumgarh Crime: नशेड़ी बेटे की सनक, पिता को पीट-पीटकर मार डाला!

धालभूमगढ़: एक पिता ने अपने बेटे को नशे से रोकने की कोशिश क्या की, बेटे ने डंडे से पीट-पीटकर उनकी जान ही ले ली! झारखंड के धालभूमगढ़ थाना क्षेत्र के पहाड़पुर गांव में एक शर्मनाक और खौफनाक वारदात सामने आई है।

68 वर्षीय सनातन हाड़ी अपने 35 वर्षीय बेटे दशरथ भुइयां के साथ रहते थे। दशरथ हमेशा नशे में रहता था और किसी की भी रोक-टोक उसे पसंद नहीं थी। जब पिता ने उसे नशा करने से मना किया, तो गुस्से में आकर उसने डंडे से ताबड़तोड़ वार कर दिया, जिससे पिता की मौके पर ही मौत हो गई!

कैसे हुआ यह दिल दहला देने वाला हादसा?

 घटना 9 मार्च की रात की है।
 सनातन हाड़ी ने बेटे को नशा करने से रोका, जिससे दोनों में झगड़ा शुरू हो गया।
 गुस्से में आकर दशरथ ने डंडे से पिता के सिर पर जोरदार हमला कर दिया।
सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण सनातन बेहोश होकर गिर पड़े।
 सुबह तक दशरथ ने पड़ोसियों को बताया कि पिता घायल हो गए हैं, लेकिन अस्पताल नहीं ले गया।
 इलाज के अभाव में सनातन की मौत हो गई।

बेटा इतना गुस्सैल क्यों था?

हमेशा नशे में रहता था।
बिलकुल सनकी और आक्रामक स्वभाव का था।
किसी की रोक-टोक सहन नहीं करता था।
पत्नी भी उसकी हरकतों से तंग आकर मायके चली गई थी।

हत्या के बाद क्या हुआ?

 घटना के बाद दशरथ गांव से फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
 पुलिस ने कड़ी पूछताछ की तो उसने अपराध कबूल कर लिया।
उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया।

क्या झारखंड में बढ़ रहे हैं ऐसे अपराध?

झारखंड में नशे और पारिवारिक हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
 2023 में झारखंड में पारिवारिक हत्याओं के 250 से ज्यादा मामले दर्ज हुए।
 2022 में बोकारो में एक बेटे ने मां को सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि उसने शराब के लिए पैसे नहीं दिए।
 2021 में रांची में एक नशेड़ी बेटे ने पिता की गला घोंटकर हत्या कर दी थी।

कैसे रोका जा सकता है ऐसी घटनाओं को?

नशे के खिलाफ सख्त कानून बनाने की जरूरत है।
गांवों में काउंसलिंग और हेल्पलाइन नंबर की सुविधा होनी चाहिए।
परिवार में संवाद और समझ बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।
नशे की रोकथाम के लिए सरकारी स्तर पर अभियान चलाने की जरूरत है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।