Chandil: पत्रकार सुदेश कुमार का हुआ अंतिम संस्कार, पत्रकार जगत में शोक की लहर

सरायकेला के चांडिल अनुमंडल में वरिष्ठ पत्रकार सुदेश कुमार का रविवार को अंतिम संस्कार हुआ। जानिए पत्रकारिता जगत के इस नुकसान के बारे में और शोक संतप्त परिवार के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

Nov 17, 2024 - 20:43
 0
Chandil: पत्रकार सुदेश कुमार का हुआ अंतिम संस्कार, पत्रकार जगत में शोक की लहर
Chandil: पत्रकार सुदेश कुमार का हुआ अंतिम संस्कार, पत्रकार जगत में शोक की लहर

चांडिल (सरायकेला जिले) में रविवार को वरिष्ठ पत्रकार सुदेश कुमार का बामनी नदी घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इस दुखद मौके पर उनके परिजनों, दोस्तों, और पत्रकारिता जगत के कई प्रमुख चेहरे मौजूद रहे। प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला-खरसावां के कार्यकारी अध्यक्ष सुमंगल कुंडू, विष्णुपद पंडा, खगेंद्र चंद्र महतो, अफरोज मलिक, और अन्य कई पत्रकार इस शोक सभा में शामिल हुए। इसने पत्रकारिता जगत में एक गहरी शोक लहर का संचार किया।

सुदेश कुमार का आकस्मिक निधन

शनिवार देर रात हार्ट अटैक के कारण सुदेश कुमार का निधन हो गया। उनका असमय निधन पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। इस दुखद घटना ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि सभी पत्रकारों को शोक में डुबो दिया। सुदेश कुमार का योगदान न सिर्फ चांडिल बल्कि पूरे सरायकेला-खरसावां जिले में सराहा जाता था। उनकी रिपोर्टिंग में सच्चाई और निर्भीकता का समावेश था, जो उन्हें एक विशिष्ट पहचान दिलाता था।

प्रेस क्लब का शोक और मदद का वादा

प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला-खरसावां के संरक्षक संतोष कुमार ने इस दुखद समय में शोक संतप्त परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सुदेश कुमार का निधन जिले के पत्रकारिता क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी मांग की कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन इस प्रकार की आपातकालीन स्थिति में पत्रकारों के परिवारों के लिए आर्थिक सहायता की व्यवस्था करें।

संतोष कुमार ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार की सभी योजनाओं में पत्रकारों के लिए कोई कोष नहीं है, जो दुखद है। उनका कहना था कि राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत अन्य वर्गों के लिए वित्तीय सहायता होती है, लेकिन पत्रकारों के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

सुदेश कुमार के परिवार की मदद के लिए सरकार से अपील

सुदेश कुमार के दो बेटे हैं, जिनमें बड़ा बेटा नौवीं कक्षा का छात्र है, जबकि छोटा बेटा आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा है। इस वक्त उनके परिवार को सबसे ज्यादा आवश्यकता है उनके बच्चों की शिक्षा और पत्नी के रोजगार की। संतोष कुमार ने सरकार और जिला प्रशासन से अपील की कि वह सुदेश कुमार के बच्चों की शिक्षा और पत्नी के लिए रोजगार की व्यवस्था करें। इस मुश्किल घड़ी में सरकार को आगे बढ़कर उनकी मदद करनी चाहिए।

पत्रकारिता जगत की अदृश्य सेवा

सुदेश कुमार ने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समाज की नब्ज को समझा और उसे सशक्त रूप में लोगों तक पहुँचाया। उनका निधन न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि जिले के उन सभी लोगों के लिए एक बड़ा आघात है, जिनके लिए वह एक मार्गदर्शक की तरह थे। उनकी ईमानदारी और न्यायप्रियता ने उन्हें एक अलग स्थान दिलाया था।

चांडिल और आसपास के क्षेत्रों में सुदेश कुमार के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। यह घटनाक्रम यह भी दिखाता है कि पत्रकारिता क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए भी कुछ सुरक्षा और सहायता प्रावधानों की आवश्यकता है, ताकि संकट के समय उनकी मदद की जा सके।

सुदेश कुमार का असमय निधन पत्रकारिता जगत के लिए एक बड़ी क्षति है, जिसे भर पाना मुश्किल होगा। उनकी जीवनशैली और कार्यों से सभी को प्रेरणा मिली। सरायकेला जिले के पत्रकार समुदाय ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवार के लिए मदद की अपील की है। यह दुखद घटना हमें यह याद दिलाती है कि पत्रकारों की सुरक्षा और उनके परिवार के लिए सरकारी मदद की व्यवस्था की आवश्यकता है, ताकि ऐसे समय में पत्रकारों के परिवारों को सहारा मिल सके।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।