झारखंड में बैंड इंटरनेट के खोखले दावे, क्या JGGLCCE का इंटरनेट बंद हो रहा फेल?
झारखंड में परीक्षा के दौरान इंटरनेट बंद होने का आदेश था, लेकिन कुछ सेवाएं चालू रहीं। जानें कैसे Airtel, Jio और VI के बावजूद कुछ नेटवर्क सक्रिय थे और क्या है सच्चाई?
आज सुबह झारखंड में हड़कंप मच गया जब लोगों के मोबाइल पर मैसेज आने लगे कि 21 और 22 सितंबर 2024 को सुबह 8 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। यह कदम राज्य सरकार द्वारा झारखंड सामान्य स्नातक स्तर की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (JGGLCCE) के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए उठाया गया था। इंटरनेट बंदी का समय परीक्षा की अवधि के साथ मेल खाता था, ताकि किसी भी तरह की नकल या अनुचित गतिविधि को रोका जा सके।
सरकार के इस फैसले ने पूरे राज्य में कड़ी प्रतिक्रिया उत्पन्न की। जैसे ही सुबह हुई, कई लोगों ने देखा कि उनके मोबाइल नेटवर्क पर इंटरनेट सेवाएं बाधित हो गईं। लेकिन जो बात सबसे ज्यादा चौंकाने वाली थी, वह यह कि कुछ नेटवर्क पर इंटरनेट चल रहा था। खासकर, Airtel, Jio और Vi जैसे प्रमुख नेटवर्क्स पर कई स्थानों पर सेवाएं चालू थीं। यह स्थिति ने लोगों के बीच भ्रम पैदा कर दिया।
क्यों बंद की गईं इंटरनेट सेवाएं?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राज्य में 823 केंद्रों पर लगभग 6.39 लाख उम्मीदवार इस परीक्षा में बैठने वाले थे। परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की धांधली रोकने के लिए यह कड़ा कदम उठाया गया। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी बात रखते हुए कहा, "अगर किसी ने परीक्षा के दौरान कोई भी गलत कार्य करने की कोशिश की, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
अभी वरीय अधिकारियों से वार्ता कर कल से आयोजित होने वाली झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित संयुक्त स्नातक स्तरीय (JSSC CGL) परीक्षा के तैयारियों के संबंध में जानकारी ली एवं उन्हें जरूरी दिशा निर्देश दिए।
किसी भी सूरत में किसी भी तरह की कोताही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।… — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 20, 2024
इंटरनेट सेवाओं का अनिश्चित रूप से चालू रहना
हालांकि, सरकारी आदेशों के बावजूद कई लोग शिकायत कर रहे थे कि कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बंद नहीं हुई थीं। खासतौर पर, Airtel, Jio और Vi के उपयोगकर्ताओं को कहीं-कहीं इंटरनेट सेवा मिल रही थी, जबकि अन्य नेटवर्क पूरी तरह से ठप थे। लोगों के बीच ये सवाल उठने लगा कि क्या यह बंदी केवल कुछ चुनिंदा स्थानों पर ही लागू की गई थी?
इंटरनेट बंदी का असली उद्देश्य
झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (JSSC) के अनुसार, इस इंटरनेट बंदी का उद्देश्य परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए था। सरकार और परीक्षा प्राधिकरण इस बात को लेकर सख्त थे कि परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की नकल या अवांछित गतिविधियों को रोका जा सके। इंटरनेट सेवाएं बंद करके, सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि परीक्षा में किसी भी प्रकार का डिजिटल धोखाधड़ी न हो सके।
जनता में उठा सवाल
लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह बंदी पूरी तरह से प्रभावी थी? क्योंकि कई क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं चालू रहीं, जिससे परीक्षा के दौरान यह कदम अधूरा सा लगा।
अब देखना यह है कि सरकार इस तकनीकी चूक पर क्या कदम उठाती है और क्या यह सुनिश्चित कर पाएगी कि भविष्य में ऐसी बंदी पूरी तरह से प्रभावी हो सके।
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