Jamshedpur Terror: भूख से बौखलाए हाथी ने गांव में मचाया उत्पात, दीवारें तोड़ी, अनाज चट किया!
जमशेदपुर के डोमजूडी गांव में हाथियों का आतंक! भूख से परेशान हाथियों ने घरों में घुसकर धान खा लिया, दीवारें तोड़ दीं। जानिए पूरी खबर।

झारखंड के जमशेदपुर जिले में हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। जंगलों में भोजन की कमी के कारण ये विशालकाय जानवर अब गांवों की ओर रुख कर रहे हैं। ताजा मामला जादूगोड़ा थाना क्षेत्र के डोमजूडी गांव का है, जहां बीती रात हाथियों ने जबरदस्त उत्पात मचाया।
गांव के माझी टोला में एक हाथी ने भूख मिटाने के लिए एक घर की खिड़की तोड़ दी और अंदर रखे धान को खा गया। इसके बाद वह आगे बढ़ा और रास्ते में जो भी बाधा आई, उसे तोड़ता चला गया।
कैसे हुआ हाथियों का हमला?
घटना रात करीब साढ़े नौ बजे की है। एक विशाल हाथी डोमजूडी गांव में घुस आया और रास बिहारी दास के घर की मिट्टी से बनी चहारदीवारी तोड़ दी। इसके बाद जिला परिषद सदस्य हिरण्य मय दास के घर में लोहे के गेट को धक्का मारकर घुस गया।
हिरण्य दास ने जब अपनी आंखों के सामने हाथी को घर में घुसते देखा, तो वे अपनी जान बचाने के लिए भाग खड़े हुए। इसी दौरान हाथी ने घर की सीमेंट की दीवार तोड़ दी और जमशेदपुर प्रखंड के खैरबानी गांव की ओर चला गया।
गांव में फैली दहशत
इस घटना के बाद से ग्रामीणों में भय का माहौल है। लोग रातभर डरे-सहमे रहे और अपनी सुरक्षा के लिए इधर-उधर भागते रहे।
डोमजूडी पंचायत की मुखिया अनीता मुर्मू ने हाथियों के गांव में घुसने की सूचना मिलते ही डीएफओ आलम अंसारी और जादूगोड़ा थाना प्रभारी राजेश कुमार मंडल से संपर्क किया। तुरंत मानगो वन क्षेत्र के वनकर्मी सक्रिय हो गए और रातभर हाथी के रूट पर नजर रखी।
पहले भी हो चुके हैं हमले
झारखंड में हाथियों द्वारा गांवों में घुसकर उत्पात मचाने की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। राज्य के कई जंगलों में भोजन की भारी कमी है, जिसके कारण हाथी खेती और घरों में रखा अनाज खाने को मजबूर हैं।
तूरामडीह यूरेनियम प्रोजेक्ट से सटे तालसा गांव में भी हाथियों ने कुछ दिन पहले हमला किया था। वहां से वे खुखड़ाडीह गांव होते हुए डोमजूडी पहुंचे और घरों में तोड़फोड़ की।
वन विभाग की भूमिका
घटना के बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली, जब हाथी को सुरक्षित स्थान की ओर भगाने में सफलता मिली।
वहीं, पीड़ित परिवार महेश्वर मुर्मू और जिला परिषद सदस्य हिरण्य मय दास ने वन विभाग से मुआवजे की मांग की है।
हाथियों के हमले क्यों बढ़ रहे हैं?
- जंगलों में भोजन की कमी: वन क्षेत्र सिकुड़ने से हाथियों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा।
- मानव बसाहट का विस्तार: जंगल कट रहे हैं, गांव बढ़ रहे हैं, जिससे हाथियों का प्राकृतिक आवास घट रहा है।
- कृषि भूमि पर निर्भरता: हाथी अब अपनी भूख मिटाने के लिए धान और अन्य फसलों पर निर्भर होते जा रहे हैं।
क्या सरकार उठाएगी कदम?
अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार हाथियों के आतंक से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएगी?
ग्रामीणों की मांग है कि:
- गांवों के पास वन विभाग की चौकसी बढ़ाई जाए।
- हाथियों के लिए जंगलों में पर्याप्त भोजन की व्यवस्था की जाए।
- हाथी-मानव संघर्ष को रोकने के लिए उचित योजना बनाई जाए।
जमशेदपुर में हाथियों का यह हमला दिखाता है कि हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। जब तक जंगलों में भोजन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होगी, तब तक ये हमले जारी रहेंगे।
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