Giridih Success: पुलिस ने 1 करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी के करीबी सेरम और पत्नी को पकड़ा, जानें कैसे हुआ ऑपरेशन
गिरिडीह पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। 1 करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी के करीबी सेरम और उसकी पत्नी को पुलिस ने जंगल से गिरफ्तार किया। जानें ऑपरेशन की पूरी कहानी।
गिरिडीह: नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में गिरिडीह पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। बीती रात गिरिडीह पुलिस ने 1 करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ करण दा के करीबी तालेश्वर हांसदा उर्फ सेरम और उसकी पत्नी मालती मुर्मू उर्फ गुड़िया को गिरफ्तार कर लिया। ये दोनों लंबे समय से नक्सली गतिविधियों में संलिप्त थे और प्रयाग मांझी के लिए महत्वपूर्ण कार्य करते थे। पुलिस ने इनके पास से एक पिस्टल और दो जिंदा गोलियां भी बरामद की हैं।
कैसे पकड़े गए सेरम और गुड़िया?
गिरिडीह एसपी डॉ. विमल कुमार को बीती रात सूचना मिली कि कुछ नक्सली जंगल में सक्रिय हैं। इस जानकारी पर कार्रवाई करते हुए, डुमरी एसडीपीओ सुमित प्रसाद के नेतृत्व में सीआरपीएफ 154 बटालियन और पुलिस की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
सुरक्षाबलों को देखकर सेरम और उसकी पत्नी गुड़िया भागने लगे। सुरक्षाबलों ने घेराबंदी कर दोनों को दबोच लिया। तलाशी के दौरान इनके पास से एक पिस्टल और दो जिंदा गोलियां बरामद की गईं। पूछताछ में दोनों ने नक्सली गतिविधियों और प्रयाग मांझी के ठिकानों के बारे में अहम जानकारियां साझा कीं।
कौन है तालेश्वर हांसदा उर्फ सेरम?
सेरम, 1 करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी का करीबी सहयोगी है। सेरम जंगल में नक्सली गतिविधियों के दौरान प्रयाग मांझी के लिए रात में संत्री की ड्यूटी करता था। वहीं, उसकी पत्नी मालती मुर्मू उर्फ गुड़िया खाना बनाने और अन्य जरूरी कामों में उसकी मदद करती थी।
प्रयाग मांझी की गतिविधियां
पूछताछ के दौरान सेरम ने बताया कि 1 करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ करण दा अब बढ़ती उम्र के कारण ज्यादा भ्रमणशील नहीं है। हालांकि, जब भी जरूरत होती है, वह अपने तीन सेक्शन फोर्स के साथ जंगल में गश्त करता है। फिलहाल, प्रयाग मांझी नक्सलियों की सेंट्रल कमिटी मेंबर (सीसीएम) के पद पर है। लंबे समय तक जंगल में काम करने के बाद, उसने सेरम और गुड़िया को अपनी टीम में शामिल किया था।
कैसे चला ऑपरेशन?
पुलिस ने जंगल में नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना पर यह अभियान चलाया। ऑपरेशन में डुमरी एसडीपीओ सुमित प्रसाद और सीआरपीएफ 154 बटालियन की टीम ने हिस्सा लिया। गिरिडीह एसपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सेरम और गुड़िया से पूछताछ के बाद कई अहम सुराग मिले हैं, जिससे आने वाले समय में नक्सलियों के खिलाफ और भी प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी।
नक्सलवाद के खिलाफ जारी रहेगा अभियान
गिरिडीह पुलिस की इस सफलता ने नक्सलियों के बीच खलबली मचा दी है। पुलिस का कहना है कि नक्सलवाद के खिलाफ यह अभियान जारी रहेगा और प्रयाग मांझी जैसे बड़े नक्सलियों को भी जल्द ही कानून के शिकंजे में लाया जाएगा।
समाज और सरकार की भूमिका
इस ऑपरेशन से यह साफ है कि पुलिस और सुरक्षाबल नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। वहीं, समाज को भी नक्सलवाद के खिलाफ जागरूक होना होगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देनी होगी।
गिरिडीह पुलिस की यह कार्रवाई नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता है। इससे यह साबित होता है कि अगर सही समय पर जानकारी और सटीक योजना हो, तो बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। अब उम्मीद की जा रही है कि इस गिरफ्तारी से नक्सलियों के नेटवर्क पर और चोट की जाएगी।
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