Tata Steel Strike: टाटा स्टील ठेका कर्मचारियों ने गेट पर किया हंगामा, जानिए क्या है पूरा मामला!
टाटा स्टील की ठेका कंपनी वामन इंजीनियर्स के कर्मचारियों ने साकची गेट पर हड़ताल और हंगामा किया। जानें कर्मचारियों के आरोप और नए नियमों पर उनका विरोध क्यों है

टाटा स्टील की ठेका कंपनी वामन इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों ने जमशेदपुर प्लांट में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने साकची एल टाउन गेट के पास वेंडर्स गेट पर आकर हड़ताल शुरू कर दी और जमकर हंगामा किया। इस हड़ताल का कारण कर्मचारियों के मुताबिक उनके साथ हो रहे अत्याचार और वित्तीय अधिकारों का उल्लंघन था। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पिछले साल का छुट्टी का पैसा नहीं दिया गया, और अब उनके लिए नए नियमों को लागू किया जा रहा है, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
क्या हैं नए नियम?
हाल ही में वामन इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के एचआर विभाग की ओर से एक नया आदेश जारी किया गया है, जिसमें कर्मचारियों से कहा गया है कि 1 जनवरी 2025 से उन्हें कंपनी के परिसर में आने और जाने के लिए ‘इन’ और ‘आउट’ पंच करना अनिवार्य होगा। इसके तहत, यदि कोई कर्मचारी आपात स्थिति में काम से बाहर जाता है, तो उसे इंचार्ज से मंजूरी लेकर बाहर जाना होगा और साथ ही ‘आउट पंच’ करना भी आवश्यक होगा।
कर्मचारियों को यह भी सूचित किया गया है कि छुट्टी के लिए फार्म भरकर कार्यालय में जमा करना होगा। अब सीएल (क्लोज लीव), एफएल (फेस्टिव लीव), पीएल (प्रोविडेंट लीव) और ईएल (एडिशनल लीव) का उपयोग अनिवार्य किया गया है। यह नियम कर्मचारी की उपस्थिति की सही स्थिति सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है। लेकिन कर्मचारियों का आरोप है कि इस नए नियम के लागू होने से उनके अधिकारों पर और दबाव बनेगा।
कर्मचारियों के आरोप और विरोध:
इस नए आदेश के खिलाफ कर्मचारियों ने सख्त विरोध किया। उनका कहना है कि पिछले साल की छुट्टी की राशि का भुगतान भी उन्हें अभी तक नहीं किया गया, और अब इस नए आदेश से उनकी परेशानियां और बढ़ जाएंगी। उनका आरोप है कि एचआर विभाग द्वारा लागू किए गए नए नियम उनके साथ अन्याय कर रहे हैं, और उन्हें उचित तरीके से भुगतान नहीं किया जा रहा है।
कर्मचारियों ने यह भी कहा कि ये नए नियम उनके काम करने के तरीके को प्रभावित करेंगे, और उनकी मौजूदा समस्याओं को बढ़ा देंगे। उनका यह भी मानना है कि इस तरह के कठोर नियम कर्मचारियों के शोषण को बढ़ावा देंगे।
पारंपरिक संघर्ष और बदलाव:
यह संघर्ष केवल आज का नहीं है। टाटा स्टील और उसकी ठेका कंपनियों में कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच विवाद लंबे समय से चलते रहे हैं। कर्मचारियों की मेहनत और उनके अधिकारों का सम्मान न होना हमेशा एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। यह संघर्ष और विरोध यह दर्शाता है कि श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए मजबूत कानूनी ढांचा होना जरूरी है।
क्या होगा आगे?
कर्मचारियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे इस नए आदेश का विरोध करेंगे, और हर स्तर पर अपनी आवाज उठाएंगे। उनका कहना है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो उनका विरोध और बढ़ेगा। टाटा स्टील और वामन इंजीनियर्स को अब यह समझने की जरूरत है कि कर्मचारियों की समस्याओं को सही तरीके से हल किया जाए ताकि इस तरह की हड़ताल और विरोध की स्थिति से बचा जा सके।
टाटा स्टील के ठेका कर्मचारियों का यह प्रदर्शन यह दर्शाता है कि कर्मचारियों को उनके हक के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। यह हड़ताल न केवल कर्मचारियों की समस्याओं को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि श्रमिक अधिकारों की सुरक्षा और उचित भुगतान की आवश्यकता आज भी बनी हुई है। अब यह देखना होगा कि प्रबंधन इस समस्या का समाधान कैसे करता है और कर्मचारियों की आवाज को सुनता है या नहीं।
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