क्या वाकई प्रेम की शक्ति इतनी बड़ी है? पति की मौत के 3 मिनट बाद पत्नी ने भी तोड़ा दम, जानें इस अद्भुत घटना की पूरी कहानी

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में दिल दहला देने वाली घटना, पति की मौत के 3 मिनट बाद पत्नी का भी निधन। जानें इस अनोखी घटना की पूरी कहानी।

Sep 9, 2024 - 18:24
Sep 10, 2024 - 11:12
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क्या वाकई प्रेम की शक्ति इतनी बड़ी है? पति की मौत के 3 मिनट बाद पत्नी ने भी तोड़ा दम, जानें इस अद्भुत घटना की पूरी कहानी
क्या वाकई प्रेम की शक्ति इतनी बड़ी है? पति की मौत के 3 मिनट बाद पत्नी ने भी तोड़ा दम, जानें इस अद्भुत घटना की पूरी कहानी

मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल): क्या कभी सुना है कि पति की मौत के कुछ ही मिनटों बाद पत्नी भी इस दुनिया से चल बसे? ऐसा कम ही होता है, लेकिन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर थाना क्षेत्र के भोलता गांव में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। गांव के 63 वर्षीय स्वामी शंकर मंडल की मौत के ठीक 3 मिनट बाद उनकी पत्नी नियति मंडल ने भी दम तोड़ दिया।

कैसे हुआ यह सब? जानें घटना की पूरी कहानी

यह घटना 23 जुलाई की रात करीब साढ़े आठ बजे की है। स्वामी शंकर मंडल, जो पिछले छह दिनों से बिस्तर पर थे, की अचानक मौत हो गई। उनके निधन के बाद, पत्नी नियति मंडल ने अपने पति के शव पर सिर रखकर जोर-जोर से रोना शुरू कर दिया। लेकिन कुछ ही मिनटों बाद, नियति ने बोलना बंद कर दिया और शांत हो गई। गांववालों ने जब उन्हें पुकारा तो कोई जवाब नहीं मिला। तभी पता चला कि नियति भी अपने पति के पास ही गिर गईं और उन्होंने भी दुनिया को अलविदा कह दिया।

गांव वालों में शोक की लहर

इस घटना ने पूरे गांव में शोक की लहर फैला दी। भोलता गांव के लोगों का नियति और स्वामी शंकर मंडल के साथ गहरा लगाव था। गांव के बच्चे उन्हें दादा-दादी कहकर बुलाते थे और दोनों को बहुत प्यार और सम्मान दिया जाता था।

तीन बच्चों वाले दंपत्ति की कहानी

दिवंगत दंपत्ति के तीन बच्चे थे—एक बेटा, अनंत मंडल, और दो बेटियां, पुतुल और बुरी, जिनकी शादी काफी समय पहले हो चुकी थी। नियति और स्वामी शंकर के लिए उनका परिवार और गांव ही सब कुछ था। गांववाले उनके निधन को गांव के लिए एक बड़ी क्षति के रूप में देख रहे हैं।

अस्पताल से घर लौटने के बाद बिगड़ी थी हालत

कुछ दिन पहले ही दोनों को इलाज के लिए मुर्शिदाबाद के भरतपुर ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन वहां उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। अस्पताल से घर लौटने के बाद दोनों बिस्तर पर ही पड़े रहे और अंततः 23 जुलाई को यह दुखद घटना घट गई।

क्या यह प्रेम की शक्ति थी?

यह घटना कई लोगों के लिए एक रहस्य है। क्या यह प्रेम की शक्ति थी जिसने नियति मंडल को अपने पति के बिना कुछ ही मिनटों में इस दुनिया को छोड़ने पर मजबूर कर दिया? यह सवाल सबके मन में है।

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।