Nawada Meeting: सरस्वती पूजा और शव ए बारात पर प्रशासन ने सख्ती, डीजे पर रोक, जानें खास नियम
नवादा के वारिसलीगंज प्रखंड में सरस्वती पूजा और शव ए बारात को लेकर प्रशासन ने शांति समिति की बैठक आयोजित की। डीजे पर रोक, सोशल मीडिया पर नजर, जानें नए नियम।
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नवादा: वारिसलीगंज प्रखंड में आगामी सरस्वती पूजा और मुसलमानों के पर्व शव ए बारात को लेकर थाना परिसर में एक शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। प्रशासन ने इन आयोजनों के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने और नियमों के पालन पर जोर दिया। बैठक में साफ तौर पर कहा गया कि डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा और पूजा समितियों को हर हाल में लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।
बैठक में लिए गए अहम फैसले
पकरीबरावां एसडीपीओ महेश चौधरी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अंचल अधिकारी, थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा, नगर उपाध्यक्ष अरुण कुमार, मुखिया मृत्युंजय कुमार समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि सरस्वती पूजा का विसर्जन 5 फरवरी तक पूरा कर लिया जाए। जुलूस निकालने और प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रशासनिक अनुमति लेना अनिवार्य है।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पूजा के दौरान लाउडस्पीकर का उपयोग कम आवाज में ही किया जाएगा और इसके लिए भी वरीय अधिकारियों की अनुमति जरूरी होगी।
सोशल मीडिया पर रहेगी नजर
अधिकारियों ने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पूजा और जुलूस के दौरान जातिसूचक गानों और विवादित सामग्री बजाने पर पूरी तरह रोक रहेगी।
सरस्वती पूजा और शव ए बारात की तैयारियां
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रखंड और शहर के लगभग सभी मोहल्लों में सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है। थाना क्षेत्र के 28 स्थलों पर पूजा समितियों ने पूजा आयोजित करने की सूचना दी है।
अधिकारियों ने पूजा समितियों से अपील की कि वे सार्वजनिक स्थानों पर आयोजन से पहले प्रशासनिक अनुमति जरूर लें।
शव ए बारात, जो इस्लामिक समुदाय के लिए एक खास पर्व है, उसे भी 13 फरवरी को शांति और भाईचारे के साथ मनाने की बात कही गई।
इतिहास और महत्व
सरस्वती पूजा, जिसे वसंत पंचमी के रूप में भी जाना जाता है, विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। भारत में यह पर्व शिक्षा और संस्कृति का प्रतीक है।
वहीं, शव ए बारात इस्लामिक कैलेंडर के एक पवित्र दिन के रूप में मनाया जाता है, जब लोग अपने प्रियजनों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
प्रशासन का संदेश और अपील
थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा ने कहा, "विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा शांतिपूर्ण तरीके से करें। यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।"
बैठक के अंत में अधिकारियों ने सभी पूजा समितियों और स्थानीय लोगों से अपील की कि वे शांति और सौहार्द बनाए रखें।
नियम तोड़ने पर कार्रवाई
प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि यदि किसी ने नियमों का उल्लंघन किया, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पर्व शांतिपूर्ण और ससम्मान तरीके से संपन्न हो।
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