जस्टिस संजीव खन्ना बने भारत के नए मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ!
"भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस संजीव खन्ना ने ली शपथ। जानें उनके विधिक करियर और महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में।"
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रांची, 11 नवंबर 2024: भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार, 13 नवंबर 2024 को शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। जस्टिस संजीव खन्ना का कार्यकाल भारतीय न्यायपालिका के लिए एक नया अध्याय होगा।
जस्टिस संजीव खन्ना की नियुक्ति के बाद, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस पद के लिए उनका नाम सिफारिश किया था। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को अपने कार्यकाल के बाद रिटायर हो गए थे।
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उन्होंने अपनी कानून की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ कैंपस से की। जस्टिस खन्ना का विधिक करियर बहुत ही सम्मानजनक और कड़ी मेहनत से भरा हुआ है। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के जज के रूप में भी काम किया और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में कार्य किया।
वह राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। जस्टिस खन्ना के द्वारा सुनाए गए कई ऐतिहासिक फैसले भारतीय न्यायपालिका के लिए अहम रहे हैं। इनमें से कुछ प्रमुख फैसले थे, जैसे ईवीएम की पवित्रता पर फैसला, अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का मामला, चुनावी बॉन्ड की योजना को निरस्त करने का फैसला और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का ऐतिहासिक निर्णय।
इन फैसलों ने भारतीय राजनीति और न्याय व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव किए। जस्टिस खन्ना की न्यायिक समझ और उनके द्वारा लिए गए फैसलों की वजह से उन्हें एक प्रभावी न्यायाधीश माना जाता है।
जस्टिस संजीव खन्ना को 18 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया था। उनके पदोन्नति से पहले वह दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी सेवाएं दे चुके थे।
अब, जस्टिस खन्ना मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालने के बाद भारतीय न्यायपालिका के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनका यह कार्यकाल भारतीय न्याय व्यवस्था में और अधिक सुधार लाने की दिशा में होगा। उनके नेतृत्व में भारतीय न्यायपालिका और भी मजबूत होगी, जो संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत के नागरिकों के लिए यह गर्व की बात है कि उन्हें एक ऐसे न्यायाधीश का नेतृत्व मिलेगा, जो न्याय की प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाता है। जस्टिस संजीव खन्ना के शपथ ग्रहण से यह उम्मीद है कि भारतीय न्यायपालिका अपने निर्णयों और फैसलों के जरिए देश में और न्याय सुनिश्चित करेगा।
इस तरह, जस्टिस संजीव खन्ना का कार्यकाल भारतीय न्याय व्यवस्था के लिए एक नई दिशा लेकर आएगा। उनके अनुभव और कानूनी समझ से भारतीय न्यायपालिका को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का मौका मिलेगा।
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