Jamshedpur loan attack: जमशेदपुर में लोन विवाद बना खौफनाक, एजेंट ने युवक पर किया जानलेवा हमला!
जमशेदपुर के जुबली पार्क में बाइक लोन विवाद ने खतरनाक मोड़ लिया, जब एक फाइनांस एजेंट ने युवक पर चापड़ से हमला कर दिया। जानें पूरी खबर!

जमशेदपुर का जुबली पार्क, जहां लोग आमतौर पर सैर-सपाटे और मौज-मस्ती के लिए आते हैं, इस बार एक खौफनाक वारदात का गवाह बना। एक मामूली लोन विवाद ने यहां खूनी रंग ले लिया, जब एक फाइनांस कंपनी के एजेंट ने एक युवक पर चापड़ से ताबड़तोड़ वार कर दिया।
घटना सोनारी थाना क्षेत्र के आदर्श नगर निवासी अमित गिरी के साथ घटी, जब वह अपने दोस्त के साथ बाइक पर खड़ा था। फाइनांस कंपनी के एजेंट से बाइक की किश्त को लेकर विवाद हुआ और बात इतनी बढ़ गई कि एजेंट ने चापड़ निकालकर अमित पर जानलेवा हमला कर दिया।
बाइक की किश्त बनी खूनी झगड़े की वजह!
सूत्रों के अनुसार, अमित गिरी ने समय पर बाइक की किश्त नहीं भरी थी। इस कारण फाइनांस कंपनी का एजेंट उसकी बाइक की चाबी जबरन छीनने की कोशिश करने लगा। दोनों के बीच बहस हुई और देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि एजेंट ने चापड़ निकालकर हमला कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमले में अमित के बाएं हाथ और पीठ पर गहरे जख्म आए। यहां तक कि उसके हाथ का मांस बाहर निकल आया। यह घटना देखते ही वहां मौजूद लोग दहशत में आ गए।
खून से लथपथ अमित अस्पताल में भर्ती, हालत गंभीर!
घायल अमित को तुरंत परिजनों ने टीएमएच अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों के अनुसार, उसे कई टांके लगाने पड़े हैं और अधिक खून बह जाने के कारण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
घटना के बाद, पुलिस को सूचना दी गई और तुरंत बिष्टुपुर थाना पुलिस हरकत में आ गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हमलावर एजेंट को गिरफ्तार कर लिया और थाने ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी है।
क्यों उठा लिया चापड़? पुलिस कर रही जांच!
अब सवाल उठता है कि एक फाइनांस एजेंट के पास चापड़ जैसी खतरनाक चीज कहां से आई? आखिर एक लोन एजेंट को ऐसा कदम उठाने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है?
पुलिस इस मामले की कई एंगल से जांच कर रही है।
- क्या एजेंट को पहले से इस तरह के हमलों की आदत थी?
- क्या कंपनी की ओर से लोन रिकवरी के लिए गैर-कानूनी तरीके अपनाए जा रहे हैं?
- क्या अमित गिरी के साथ पहले से कोई रंजिश थी?
फाइनांस कंपनियों का बढ़ता आतंक?
भारत में लोन रिकवरी को लेकर फाइनांस कंपनियों की भूमिका हमेशा विवादों में रही है। बैंकिंग और फाइनांस सेक्टर में वसूली एजेंटों द्वारा बदसलूकी और दबाव बनाने की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं।
पहले भी कई मामलों में देखा गया है कि ऋण वसूली एजेंट कर्जदारों को धमकाने, मारपीट करने और मानसिक उत्पीड़न तक करने से नहीं चूकते। कई बार ऐसे मामले आत्महत्या तक पहुंच जाते हैं।
जमशेदपुर पुलिस की कार्रवाई!
फिलहाल, पुलिस ने आरोपी एजेंट को गिरफ्तार कर लिया है और यह जांच कर रही है कि क्या उसने अकेले यह हमला किया या किसी के इशारे पर काम कर रहा था। साथ ही पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या फाइनांस कंपनी ने उसे इस तरह की जबरन वसूली के निर्देश दिए थे?
क्या मिलेगी न्याय?
इस घटना ने एक बार फिर से फाइनांस कंपनियों की लोन वसूली नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम आदमी लोन लेकर गाड़ी या घर खरीदता है, लेकिन समय पर किस्त नहीं चुका पाने की स्थिति में क्या जानलेवा हमलों का सामना करना पड़ेगा?
अमित गिरी को न्याय मिलेगा या नहीं, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इस घटना ने लोन लेने वालों के लिए एक बड़ी चेतावनी जरूर दे दी है।
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