Jamshedpur Event Cancelled: खेसारी लाल यादव का नया साल कार्यक्रम रद्द, क्या हैं इसके पीछे की असल वजह?
जमशेदपुर में नए साल के मौके पर खेसारी लाल यादव का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। जानें इस कार्यक्रम को रोकने के पीछे की असल वजह और क्यों आयोजकों को हुई भारी परेशानी!
जमशेदपुर में नए साल के स्वागत के लिए आयोजित होने वाला भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव और शिल्पी राघवानी का धमाकेदार कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। यह कार्यक्रम 31 दिसंबर की रात को सरायकेला-खरसावां जिले के डोबो स्थित काजू बगान में होने वाला था, लेकिन वन विभाग ने इसके आयोजन को रोक दिया। इसने आयोजकों को चौंका दिया और साथ ही जिले के लोगों के बीच भारी आक्रोश भी उत्पन्न कर दिया है।
आयोजन की रद्दीकरण की खबर ने आयोजनकर्ता और टिकट बुक करने वालों के बीच हलचल मचा दी है। आयोजकों ने यह कोशिश की थी कि बिष्टुपुर में भी इसी तरह का आयोजन किया जाए, लेकिन वन विभाग ने वहां भी विरोध किया और इस कार्यक्रम को नहीं होने दिया। अब यह कार्यक्रम पूरी तरह से लटक गया है और लोग इस फैसले को लेकर हैरान हैं।
क्या था खेसारी लाल यादव का कार्यक्रम?
खेसारी लाल यादव और शिल्पी राघवानी का यह भोजपुरी कार्यक्रम एक बड़े आयोजन के रूप में देखे जा रहे थे, जो जमशेदपुर के दर्शकों को खासतौर पर नए साल की रात एक शानदार डांस और म्यूजिक का अनुभव देने वाला था। खेसारी लाल यादव, भोजपुरी सिनेमा के सबसे बड़े और लोकप्रिय नामों में से एक हैं, जिनके शो और लाइव कंसर्ट्स हमेशा हिट रहते हैं। इस कार्यक्रम के टिकट भी बुक माय शो और इनसाइडर जैसे प्लेटफार्म्स के जरिए बेचे जा रहे थे, लेकिन अब यह सारी योजना धरातल पर नहीं उतर पाई।
वन विभाग का क्यों आया विरोध?
वन विभाग ने इस कार्यक्रम को लेकर आपत्ति जताई और बताया कि यह क्षेत्र प्राकृतिक रूप से संवेदनशील है और इस प्रकार के बड़े आयोजन से पर्यावरण पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसके अलावा, क्षेत्रीय वन नियमों का पालन न होने की वजह से भी आयोजन रद्द किया गया। वन विभाग ने यह कदम उठाकर न केवल आयोजकों को झटका दिया, बल्कि दर्शकों की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया।
क्या थी आयोजकों की रणनीति?
आयोजक कंपनी ने पहले भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह को आमंत्रित किया था, लेकिन उनके कार्यक्रम को भी आखिरी मिनट में रद्द करना पड़ा। इसके बाद खेसारी लाल यादव को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनकी शो भी नहीं हो सका। इसके बावजूद, इन आयोजकों ने बड़े पैमाने पर टिकट बिक्री की और बुक माय शो जैसे प्लेटफार्म्स पर इसकी बुकिंग भी शुरू कर दी थी। अब इस असफलता को लेकर सवाल उठने लगे हैं और कई लोग आरोप लगा रहे हैं कि आयोजकों ने बिना अनुमति के कार्यक्रम आयोजित करने की कोशिश की, जिससे उनकी साख पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
आयोजकों को क्यों हो रही है परेशानी?
कार्यक्रम रद्द होने के बाद, आयोजनकर्ता अब भारी नुकसान का सामना कर रहे हैं। टिकट बुकिंग के अलावा, इस इवेंट को लेकर जो भारी प्रचार किया गया था, वह अब फिजूल हो गया है। लोग भी इस आयोजन के रद्द होने को लेकर नाराज हैं, क्योंकि उन्हें नए साल के मौके पर अपनी पसंदीदा भोजपुरी स्टार का लाइव शो देखने का बेसब्री से इंतजार था। इसके अलावा, आयोजकों के खिलाफ लोगों के बीच गुस्सा बढ़ता जा रहा है, जो मानते हैं कि यह आयोजन ठीक से प्रबंधित नहीं किया गया।
क्या है आने वाले दिनों में?
अब यह देखना बाकी है कि आयोजक भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों के लिए किस प्रकार से योजना बनाते हैं और क्या उन्हें वन विभाग के साथ एक समझौता करने में सफलता मिलेगी। इसके अलावा, अगर इस प्रकार के आयोजन फिर से आयोजित होते हैं, तो प्रशासन और आयोजकों को इससे जुड़ी सभी कानूनी और पर्यावरणीय नियमों का पालन करना होगा।
जमशेदपुर में खेसारी लाल यादव का कार्यक्रम रद्द होने के बाद से इस मुद्दे पर सवाल उठने लगे हैं। वन विभाग का विरोध, आयोजकों की नाकामी और दर्शकों की उम्मीदें अब एक बड़ी चर्चा का विषय बन गई हैं। यह घटना न केवल आयोजकों के लिए एक कड़ा सबक है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि ऐसे बड़े आयोजनों को आयोजित करने से पहले कानूनी और पर्यावरणीय पहलुओं पर ध्यान देना कितना जरूरी है।
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