Hazaribagh Trap: पंचायत सचिव ने रिश्वत लेते हुए पकड़ा, जानें पूरी साजिश!
हजारीबाग में पंचायत सचिव को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। जानिए कैसे एसीबी ने एक लाभुक से 6 हजार रुपये की घूस लेते हुए उसे रंगे हाथ पकड़ा और क्या थी पूरी साजिश।
हजारीबाग में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इचाक ब्लॉक के पंचायत सचिव रमेंद्र कुमार सिन्हा को मनरेगा के लाभुक से 6 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। यह मामला एक और उदाहरण है, जब सरकारी कर्मचारियों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता को उजागर किया गया।
कैसे हुआ घूस का लेन-देन?
यह घटना इचाक प्रखंड के आलौंजा खुर्द हदारी पंचायत में हुई, जब पंचायत सचिव रमेंद्र कुमार सिन्हा ने ओमप्रकाश मेहता से मस्टर रोल पर हस्ताक्षर करने के नाम पर रिश्वत की मांग की। ओमप्रकाश मेहता ने टीसीबी निर्माण कार्य के लिए अपने पैसों से काम कराया था। काम पूरा होने के बाद, ओमप्रकाश को बकाया 17 हजार रुपये का भुगतान मिलना था, लेकिन इसके लिए पंचायत सचिव ने उससे 6 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की।
आखिर क्यों दी शिकायत?
ओमप्रकाश मेहता घूस देने के लिए तैयार नहीं थे और उन्होंने घूस की मांग को लेकर एसीबी से शिकायत की। एसीबी द्वारा की गई जांच में यह पाया गया कि शिकायत सटीक थी। इसके बाद, एसीबी के एसपी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक टीम गठित की और पंचायत सचिव रमेंद्र कुमार सिन्हा को रंगे हाथ पकड़ लिया।
कमीशन के रूप में लिया गया घूस
घूस की रकम दो किस्तों में मांगी गई थी। पहली किस्त में ओमप्रकाश को 25,500 रुपये का भुगतान किया गया था, लेकिन दूसरी किस्त के लिए 6 हजार रुपये की मांग की गई। पंचायत सचिव ने यह रकम कमीशन के तौर पर ली थी। यह पूरी साजिश बहुत योजनाबद्ध तरीके से की गई थी, ताकि अधिकारी बिना किसी डर के भ्रष्टाचार कर सकें।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
घटना के बाद, पुलिस ने आरोपी पंचायत सचिव को गिरफ्तार किया और उसे जेपी केंद्रीय कारा भेज दिया। इस मामले की जांच एसीबी हजारीबाग प्रमंडलीय थाना में कांड संख्या 2-2025 के तहत की जा रही है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की सतर्कता
यह घटना एसीबी की कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सख्त कार्रवाई को दर्शाती है। ऐसे मामलों में जनता की सहभागिता और शिकायतों के चलते ही अधिकारी गलत रास्ते पर नहीं चल पाते। इस गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया कि भ्रष्टाचार का विरोध अब सिर्फ सरकारी दफ्तरों में ही नहीं, बल्कि आम लोगों के साथ भी किया जाएगा।
किसी को भी भ्रष्टाचार से बचने का संदेश
यह गिरफ्तारी अन्य सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक बड़ा संदेश है कि भ्रष्टाचार अब और नहीं चलने वाला है। इस तरह की सख्त कार्रवाई से सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी और लोगों का विश्वास मजबूत होगा।
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