New Delhi: अमित शाह ने रद्द कीं महाराष्ट्र की रैलियां, मणिपुर में बिगड़े हालात के बाद बढ़ी चिंताएं!
मणिपुर में बढ़ते तनाव और हिंसा के कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र की रैलियां रद्द कर दीं। जानें, मणिपुर में क्या हो रहा है और सरकार की अगली रणनीति क्या हो सकती है।
नई दिल्ली: मणिपुर में हालात बेहद अस्थिर हो गए हैं, जिसके मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियां रद्द कर दी हैं। सूत्रों के अनुसार, शाह मणिपुर की स्थिति की समीक्षा करने के लिए दिल्ली लौट रहे हैं। मणिपुर में हालात इतनी गंभीर हो गए हैं कि शनिवार रात हिंसा की घटनाएं बढ़ गईं, जिसके बाद शाह ने अपनी रैलियां रद्द करने का निर्णय लिया।
शाह की रैलियों को रद्द करने के पीछे कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह मणिपुर में बिगड़ते हालात के कारण किया गया है। मणिपुर के इंफाल घाटी में शनिवार रात उग्र भीड़ ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के तीन विधायकों और कांग्रेस के एक विधायक के घरों में आग लगा दी। इसके साथ ही, प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पैतृक आवास में घुसने की कोशिश की, जिसे सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया।
मणिपुर में क्यों बढ़ी हिंसा?
हिंसा की शुरुआत तब हुई जब जिरीबाम जिले में उग्रवादियों ने तीन महिलाओं और तीन बच्चों की निर्मम हत्या कर दी। इसके बाद गुस्साए लोगों ने मणिपुर के प्रमुख नेताओं के घरों को निशाना बनाया। राज्य में तनाव बढ़ता गया और कर्फ्यू लगा दिया गया। रविवार सुबह तक, इंफाल घाटी के सभी पांच जिलों में स्थिति शांत दिख रही थी, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ था। इस बीच, इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गईं, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है।
अमित शाह की मणिपुर यात्रा: क्या होगा अगला कदम?
सूत्रों के अनुसार, अमित शाह मणिपुर की स्थिति की समीक्षा के लिए दिल्ली में अधिकारियों के साथ बैठक कर सकते हैं। इसके अलावा, केंद्रीय सुरक्षा अधिकारियों का एक दल जल्द ही मणिपुर का दौरा कर सकता है, ताकि वहां की स्थिति का आकलन किया जा सके और राज्य सरकार की मदद की जा सके। यह बैठक मणिपुर में स्थिति को सामान्य करने और शांति बनाए रखने के लिए अहम हो सकती है।
क्या है मणिपुर में हालात?
शनिवार की रात को उग्र भीड़ ने राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवास पर हमला किया। इनमें भाजपा के विधायक वाई राधेश्याम, गोविंदास कोन्थुजाम और पी. ब्रोजेन के घर शामिल थे। इसके साथ ही कांग्रेस के विधायक थोकचोम लोकेश्वर का घर भी निशाना बना। इन घटनाओं के बाद, राज्य में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।
राज्य की हिंसक घटनाओं के मद्देनजर, शांति बनाए रखने और हिंसा को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, यह कर्फ्यू राज्य में अस्थिरता को रोकने के लिए आवश्यक कदम माना जा रहा है।
अंतिम विचार: मणिपुर में अस्थिरता का असर राष्ट्रीय राजनीति पर
मणिपुर में बढ़ती हिंसा न केवल राज्य की सुरक्षा को चुनौती दे रही है, बल्कि इसका असर पूरे देश की राजनीति पर भी पड़ सकता है। अमित शाह के रैलियां रद्द करने का निर्णय इस बात का संकेत है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। अब यह देखना होगा कि मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए सरकार आगे क्या कदम उठाती है।
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