Tata Collapse: सर्विस रोड पर बड़ा हादसा टला, अचानक गिरे छज्जे ने उड़ाई लोगों की नींद!

टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर बड़ा हादसा टल गया! एक पुराने भवन का जर्जर छज्जा अचानक गिर पड़ा, लेकिन गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। क्या प्रशासन अब जागेगा? पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

Mar 21, 2025 - 13:43
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Tata Collapse: सर्विस रोड पर बड़ा हादसा टला, अचानक गिरे छज्जे ने उड़ाई लोगों की नींद!
Tata Collapse: सर्विस रोड पर बड़ा हादसा टला, अचानक गिरे छज्जे ने उड़ाई लोगों की नींद!

जमशेदपुर: टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग के सर्विस रोड पर शुक्रवार को एक बड़ा हादसा टल गया, जब श्रीवास्तव भवन का जर्जर छज्जा अचानक भरभराकर गिर पड़ा। यह घटना करीब सुबह 11:30 बजे घटी, जिसके बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। हालांकि, गनीमत यह रही कि हादसे के वक्त कोई व्यक्ति छज्जे के नीचे नहीं था, जिससे बड़ी अनहोनी होने से बच गई।

कई दिनों से था जर्जर, फिर भी नहीं हुई मरम्मत!

स्थानीय लोगों के अनुसार, श्रीवास्तव भवन का यह छज्जा काफी समय से जर्जर अवस्था में था और इसकी स्थिति लगातार खराब होती जा रही थी। कई बार इसकी मरम्मत कराने की जरूरत जताई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इलाके के दुकानदारों और राहगीरों का कहना है कि इस इलाके में हर वक्त लोगों की आवाजाही रहती है और अगर यह हादसा किसी व्यस्त समय में होता, तो बड़ा नुकसान हो सकता था।

इतिहास में ऐसे हादसे बने काल!

अगर हम इतिहास पर नजर डालें, तो इस तरह के हादसे पहले भी बड़ी त्रासदियों का कारण बन चुके हैं। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता जैसे बड़े शहरों में पुरानी इमारतों के गिरने से कई लोगों की जान जा चुकी है। 2013 में मुंबई के Dockyard Road पर एक पांच मंजिला इमारत गिरने से 61 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 2021 में दिल्ली के सब्जी मंडी इलाके में भी एक पुरानी इमारत गिरने से कई लोग दब गए थे। ऐसे में प्रशासन को इस तरह की जर्जर इमारतों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

भीड़भाड़ वाला इलाका, बड़ा खतरा!

टाटा-कांड्रा मार्ग पर स्थित यह भवन एक व्यस्त इलाके में है। यहां से हर दिन हजारों लोग गुजरते हैं और सड़क किनारे वाहनों की लंबी कतारें भी लगी रहती हैं। आसपास कई दुकानें भी मौजूद हैं, जिससे दिनभर चहल-पहल बनी रहती है। गनीमत यह रही कि हादसे के वक्त कोई व्यक्ति वहां मौजूद नहीं था, वरना स्थिति बेहद गंभीर हो सकती थी।

प्रशासन की बड़ी लापरवाही!

स्थानीय लोगों ने इस घटना के बाद प्रशासन को घेरते हुए कहा कि अगर समय रहते जर्जर भवनों की जांच होती, तो यह हादसा नहीं होता। प्रशासन को जल्द से जल्द इस इलाके में स्थित अन्य पुराने भवनों की जांच करवानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई बड़ा हादसा न हो।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

निर्माण विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी इमारतों की समय-समय पर मरम्मत बहुत जरूरी है। खासकर मॉनसून से पहले इनकी मजबूती को जांचना चाहिए, क्योंकि बारिश में ऐसे जर्जर निर्माण तेजी से गिर सकते हैं।

क्या अब भी कोई जागेगा?

इस हादसे ने फिर एक बार दिखा दिया कि पुरानी और कमजोर इमारतें किस तरह ticking time bomb की तरह खड़ी हैं। सवाल ये उठता है कि क्या प्रशासन अब कोई कदम उठाएगा या फिर किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार करेगा?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।