क्या बिना हाथों के भी 12वीं में 78% अंक लाए जा सकते हैं? महाराष्ट्र के गौस शेख ने कर दिखाया कमाल!
महाराष्ट्र के लातूर जिले के गौस शेख ने बिना हाथों के पैर की उंगलियों से 12वीं की परीक्षा में 78% अंक हासिल कर देशभर के युवाओं के लिए मिसाल कायम की है।
जब हम दिव्यांगता के बारे में सोचते हैं, तो अक्सर इसे एक कमजोरी के रूप में देखा जाता है। लेकिन महाराष्ट्र के लातूर जिले के गौस शेख ने इसे अपनी ताकत बना लिया। जन्म से ही बिना हाथों के पैदा हुए गौस ने अपने पैर की उंगलियों से 12वीं की परीक्षा में न केवल सफलता हासिल की, बल्कि 78% अंकों के साथ अपनी मेहनत और जज़्बे की मिसाल कायम की। आइए जानते हैं गौस शेख की प्रेरणादायक कहानी, जिसने न केवल अपनी शारीरिक सीमाओं को पार किया बल्कि देशभर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन गए।
परीक्षा लेखक की मदद लेने से किया इनकार
गौस शेख, जो विज्ञान 'स्ट्रीम' के छात्र हैं, ने परीक्षा में लेखक की मदद लेने से मना कर दिया। मार्च में आयोजित 12वीं बोर्ड परीक्षा के दौरान उन्होंने अपने पैर की उंगलियों से उत्तर लिखकर यह साबित कर दिया कि इंसान की इच्छाशक्ति किसी भी शारीरिक चुनौती से बड़ी होती है। वसंतनगर टांडा के रेणुकादेवी हायर सेकेंडरी आश्रम स्कूल से पढ़ाई करने वाले गौस ने बिना किसी अतिरिक्त मदद के अपनी परीक्षा पूरी की। उनके पिता, अमजद, जो एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं, ने बताया कि गौस ने चार साल की उम्र से ही अपने पैरों से लिखना शुरू कर दिया था और उनके शिक्षक भी इस दिशा में उन्हें प्रोत्साहित करते रहे।
आईएएस अधिकारी बनने का सपना
गौस शेख का सपना भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में अधिकारी बनकर देश की सेवा करना है। उन्होंने कहा, "मैं अपने लक्ष्य को पाने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा और इस दिशा में कोई कमी नहीं छोड़ूंगा।" गौस का यह दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास उन्हें भविष्य में बड़ी ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।
गौस शेख की यह कहानी न केवल उनके आत्मबल की है, बल्कि इस बात का प्रमाण है कि अगर व्यक्ति में इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी शारीरिक कमी उसे उसकी मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती।
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