Bokaro Crime: बोकारो में फरार नक्सली के खिलाफ पुलिस का एक्शन! अब कुर्की की तैयारी

बोकारो में फरार नक्सली अमित हांसदा के खिलाफ पुलिस का बड़ा एक्शन! खरसावां पुलिस ने उनके घर इश्तेहार चिपकाया, अब हो सकती है कुर्की जब्ती। जानिए पूरा मामला।

Mar 23, 2025 - 20:58
Mar 23, 2025 - 20:59
 0
Bokaro Crime: बोकारो में फरार नक्सली के खिलाफ पुलिस का एक्शन! अब कुर्की की तैयारी
Bokaro Crime: बोकारो में फरार नक्सली के खिलाफ पुलिस का एक्शन! अब कुर्की की तैयारी

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में पुलिस का एक बड़ा एक्शन देखने को मिला है। खरसावां थाना कांड संख्या 20/19 में फरार चल रहे कुख्यात नक्सली अमित हांसदा पर शिकंजा कसता जा रहा है। बोकारो जिले के चतरोचट्टी थाना क्षेत्र स्थित ढोडी गांव में पुलिस ने रविवार को उनके घर पर इश्तेहार चिपका दिया।

यह कार्रवाई खरसावां पुलिस ने कोर्ट के निर्देश पर की, जिससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही अमित हांसदा के खिलाफ कुर्की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की इस दबिश से नक्सली संगठनों में भी हलचल तेज हो गई है। आखिर कौन है यह नक्सली और क्यों पुलिस उसके पीछे पड़ी है? आइए जानते हैं इस पूरे मामले की इनसाइड स्टोरी।

कौन है अमित हांसदा और क्यों है पुलिस के निशाने पर?

खरसावां थाना में दर्ज कांड संख्या 20/19 में अमित हांसदा उर्फ आपटन माझी का नाम मुख्य आरोपियों में शामिल है।

  • वह झारखंड के नक्सली संगठनों से जुड़ा बताया जाता है।

  • पुलिस के अनुसार, उस पर कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है।

  • लंबे समय से फरार चल रहे अमित हांसदा की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही थी।

लेकिन जब पुलिस के हाथ वह नहीं आया, तो न्यायालय के निर्देश पर उसके घर पर इश्तेहार चिपकाने की कार्रवाई की गई। अब यदि वह जल्द ही पुलिस के सामने पेश नहीं होता, तो कुर्की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।

क्या होता है इश्तेहार चिपकाना और कुर्की जब्ती?

भारत में अपराधियों के खिलाफ इश्तेहार और कुर्की जब्ती की कार्रवाई कानून का अहम हिस्सा है।
इश्तेहार चिपकाने का मतलब:

  • जब कोई आरोपी पुलिस के बार-बार बुलाने पर भी हाजिर नहीं होता, तो कोर्ट उसे भगोड़ा घोषित कर सकता है।

  • इसके बाद आरोपी के घर, गांव और सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस इश्तेहार (नोटिस) चिपकाती है।

  • यह जनता को भी सूचित करने के लिए किया जाता है कि आरोपी कानून से भाग रहा है।

कुर्की जब्ती का मतलब:

  • अगर आरोपी फिर भी पेश नहीं होता, तो पुलिस उसकी संपत्ति जब्त कर सकती है।

  • घर, जमीन, बैंक अकाउंट, वाहन – सबकुछ सरकारी कब्जे में आ सकता है।

  • यह आरोपी पर दबाव बनाने का कानूनी तरीका होता है।

इसका मतलब साफ है – अगर अमित हांसदा जल्द नहीं आया, तो उसका घर और संपत्ति जब्त कर ली जाएगी!

क्या है झारखंड में नक्सलियों की स्थिति?

झारखंड में नक्सली गतिविधियां बीते कुछ सालों में काफी कम हुई हैं, लेकिन अभी भी कई इलाके प्रभावित हैं।

  • सरायकेला-खरसावां, बोकारो, लातेहार और गढ़वा जैसे जिले नक्सल प्रभावित हैं।

  • 2000 के दशक में झारखंड नक्सली संगठनों का गढ़ था, लेकिन पुलिस और सुरक्षाबलों की सख्त कार्रवाई के कारण इनकी ताकत कमजोर हो गई।

  • 2019 में सरायकेला में ही एक बड़े नक्सली हमले में पुलिस के कई जवान शहीद हुए थे।

अब पुलिस का पूरा फोकस बचे हुए नक्सलियों की गिरफ्तारी और संगठन की रीढ़ तोड़ने पर है। अमित हांसदा की गिरफ्तारी इसी मुहिम का हिस्सा है।

अब आगे क्या होगा?

अगर अमित हांसदा जल्द ही सरेंडर नहीं करता, तो ये हो सकता है:
उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
उसके परिवार पर भी पुलिस की सख्त निगरानी होगी।
पुलिस ऑपरेशन और तेज होगा, जिससे अन्य फरार नक्सलियों की भी धरपकड़ होगी।

सरायकेला-खरसावां पुलिस की इस कार्रवाई से झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ सरकार के सख्त रवैये का साफ संकेत मिलता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।