Nawada Action – सीएचसी प्रभारी डॉक्टर नवीन पर कार्रवाई, जानिए पूरा मामला!
नवादा के नारदीगंज सीएचसी प्रभारी डॉक्टर नवीन कुमार पर सिविल सर्जन ने कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से हटाया। जानिए क्या हैं आरोप और किस वजह से लिया गया ये फैसला?
नवादा: बिहार के नवादा जिले के नारदीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नवीन कुमार पर सिविल सर्जन डॉ. नीता अग्रवाल ने कड़ी कार्रवाई की है। उन्हें उनके पद से हटा दिया गया है और गोविंदपुर सीएचसी में तबादला कर दिया गया है।
कार्रवाई के पीछे मुख्य वजहें:
सिविल सर्जन के आदेश के अनुसार डॉ. नवीन कुमार पर कई गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें शामिल हैं:
- वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना।
- समय पर सीएचसी में उपस्थित न रहना।
- विभागीय कार्यों में लापरवाही और पारदर्शिता की कमी।
इन आरोपों के आलोक में डॉ. नवीन को तत्काल वित्तीय कार्यों से मुक्त कर दिया गया है और उन्हें गोविंदपुर सीएचसी में जल्द योगदान देने का निर्देश दिया गया है।
डॉ. नवीन पर लगे संगीन आरोप क्या हैं?
स्वास्थ्य विभाग में चर्चा है कि डॉ. नवीन नारदीगंज में अपने दायित्वों का निर्वहन ठीक से नहीं कर रहे थे। उनके खिलाफ ये आरोप भी लगे हैं:
- निजी क्लीनिक का संचालन:
कहा जा रहा है कि डॉ. नवीन राजगीर में अपना निजी क्लीनिक चलाते हैं। - मरीजों का आर्थिक शोषण:
आरोप है कि बिचौलियों के माध्यम से नारदीगंज आने वाले मरीजों को राजगीर स्थित उनके निजी क्लीनिक में रेफर किया जाता था, जिससे गरीब मरीजों का आर्थिक दोहन हो रहा था। - पुनः बहाली का विवाद:
फरवरी 2023 में भी इन्हें इन्हीं आरोपों के चलते पद से हटाया गया था, लेकिन राजनीतिक पकड़ के कारण दोबारा पदस्थापित कर दिया गया था।
स्वास्थ्य विभाग का इतिहास और पारदर्शिता का मुद्दा:
बिहार स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठते रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में समय पर डॉक्टरों की उपस्थिति, मरीजों के साथ व्यवहार और बेहतर सेवाओं की मांग लंबे समय से उठती रही है।
2018 में भी बिहार के कई जिलों में निजी क्लीनिक संचालन और मरीजों को रेफर करने के मामले सामने आए थे। इस बार भी डॉ. नवीन पर लगे आरोपों में वही पुराने मुद्दे शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई:
सिविल सर्जन डॉ. नीता अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि:
- डॉ. नवीन को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त किया गया है।
- गोविंदपुर सीएचसी में योगदान देने का निर्देश दिया गया है।
- किसी भी सरकारी डॉक्टर को निजी क्लीनिक संचालन की अनुमति नहीं है।
जनता में क्या है प्रतिक्रिया?
नवादा में इस कार्रवाई को लेकर दो तरह की प्रतिक्रियाएं हैं:
- समर्थन: कुछ लोग इसे स्वास्थ्य विभाग में सुधार की दिशा में बड़ा कदम मान रहे हैं।
- विरोध: वहीं कुछ लोग इसे राजनीतिक दवाब में उठाया गया कदम बता रहे हैं।
अब आगे क्या?
- डॉ. नवीन की आधिकारिक जांच शुरू हो सकती है।
- यदि आरोप साबित होते हैं, तो निलंबन या बड़ी कार्रवाई संभव है।
- स्वास्थ्य विभाग ने सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को समय पर सेवा देने की हिदायत दी है।
नवादा के नारदीगंज CHC में डॉक्टरों की जवाबदेही को लेकर की गई यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखने के लिए ऐसे कड़े कदम आवश्यक हैं। अब देखने वाली बात होगी कि आगे जांच रिपोर्ट में क्या निष्कर्ष निकलता है और क्या स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार होता है?
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