झारखंड विधानसभा चुनाव: सीएम हेमंत सोरेन का प्रचार तेज, भाजपा की चौतरफा चुनौती
झारखंड विधानसभा चुनाव में सीएम हेमंत सोरेन ने प्रचार की रफ्तार बढ़ाई। भाजपा ने भी मजबूत रणनीति के साथ चुनौती पेश की है। जानें चुनावी माहौल की पूरी जानकारी।
रांची, 14 अक्टूबर 2024: झारखंड में विधानसभा चुनाव के मौसम में राजनीतिक माहौल गर्म है। यहाँ की राजनीति में इस बार महिलाओं के मुद्दे पर जोर दिया जा रहा है। सभी राजनीतिक दलों को आधी आबादी की चिंता सता रही है। जैसे ही चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, वैसे ही वेलफेयर स्कीमों की बाढ़ आ गई है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुनाव प्रचार में सबसे आगे हैं। वे जनता तक पहुंचने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहे हैं। 8 अक्टूबर को उन्होंने बल्क वॉइस मैसेज के जरिए "मंईयां सम्मान योजना" की जानकारी दी। यह योजना 18 से 50 साल की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने की है। यह सिलसिला विजयादशमी तक चला। अब 13 अक्टूबर से उन्होंने "सर्वजन पेंशन योजना" पर ध्यान केंद्रित किया है।
सीएम हेमंत ने कहा है कि उनकी सरकार जरूरतमंदों के प्रति संवेदनशील है। वे केंद्र सरकार के कामकाज पर भी सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 का हवाला देते हुए कहा कि भारत 125 देशों की सूची में 105वें स्थान पर है। उन्होंने केंद्र सरकार को जुमलेबाजी का आरोप लगाया है।
वहीं, भाजपा के नेता भी सीएम हेमंत सोरेन को घेरने में जुटे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को भ्रष्ट बताया है। उनका कहना है कि सरकार ने चुनाव के समय सम्मान राशि का झांसा देकर महिलाओं को गुमराह किया है। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा है कि 2019 के चुनाव में किए गए सारे वादे झूठे साबित हुए हैं।
भाजपा ने भी महिलाओं को साधने के लिए बड़े वादे किए हैं। भाजपा ने कहा है कि यदि वे सत्ता में आते हैं, तो महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये और गैस सिलेंडर पर छूट देंगे। इसके अलावा, सरकारी पदों को भरने और युवाओं को परीक्षा की तैयारी के लिए भत्ता देने का वादा किया है।
इस बार झारखंड की जनता के लिए "ऑफर की बारिश" हो रही है। हेमंत सरकार ने "मंईयां सम्मान योजना" के तहत महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने की योजना बनाई है। इसके साथ ही, "जेएमएम सम्मान योजना" के तहत जरूरतमंदों को हर महीने 2500 रुपये देने की बात की जा रही है।
राजनीतिक दलों के वादों की चर्चा आम जनता में जोरों पर है। सभी राजनीतिक दलों ने महिलाओं और युवाओं को प्रभावित करने के लिए विभिन्न योजनाएं पेश की हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव में कौन सी पार्टी जनता का विश्वास जीत पाएगी।
इस चुनावी माहौल में सभी दल अपने-अपने तरीके से मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, राजनीतिक गतिविधियाँ और तेज होती जा रही हैं।
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