Dhanbad Bulldozer Action: 200 घर होंगे खाली, जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी

धनबाद में निरसा ओसीपी के विस्तार के लिए 200 घरों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है। जानिए इस परियोजना के पीछे की वजह, लोगों की प्रतिक्रिया, और इसका ऐतिहासिक महत्व।

Jan 23, 2025 - 14:27
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Dhanbad Bulldozer Action: 200 घर होंगे खाली, जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी
Dhanbad Bulldozer Action: 200 घर होंगे खाली, जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी

धनबाद में बुलडोजर की गूंज सुनाई देने वाली है। निरसा ओसीपी (ओपन कास्ट प्रोजेक्ट) को फिर से चालू करने की तैयारियां जोरों पर हैं, और इसके लिए 200 घरों को तोड़ा जाएगा। इस फैसले ने स्थानीय लोगों में हलचल मचा दी है। आइए जानते हैं कि क्यों लिया गया ये बड़ा कदम और इसके ऐतिहासिक संदर्भ क्या हैं।

क्यों गरजेगा बुलडोजर?

निरसा ओसीपी, जो झारखंड के धनबाद जिले में स्थित है, एक साल से बंद पड़ा है। इसे दोबारा चालू करने के लिए क्षेत्रीय प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत ईसीएल (ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) प्रबंधन ने 200 घरों और क्वार्टरों को हटाने का निर्णय लिया है। इन घरों में रहने वाले ईसीएल कर्मियों और गैर-कर्मियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है।

हाल ही में, उत्तर पंचायत के पंचायत भवन में इस मुद्दे को लेकर एक अहम बैठक हुई। बैठक में निरसा पंचायत के मुखिया दिनेश सिंह और कोलियरी प्रबंधन के अधिकारी मौजूद थे। प्रबंधन ने सुझाव दिया कि कर्मी दूसरी कोलियरी के क्वार्टर में शिफ्ट हो जाएं और बाहरी लोग पहाड़ी क्षेत्र में ईसीएल की खाली जमीन पर घर बना सकते हैं।

लोगों की आपत्ति और प्रबंधन की योजना

बैठक के दौरान स्थानीय लोगों ने पहाड़ी क्षेत्र में जाने पर आपत्ति जताई। लोगों ने महताडीह कॉलोनी में स्थानांतरित होने की बात कही। प्रबंधन ने इस क्षेत्र में मुफ्त बिजली और पानी की सुविधा देने का आश्वासन दिया। इसके बावजूद, लोग असमंजस में हैं और इस कदम को लेकर असंतोष जता रहे हैं।

ओसीपी विस्तार और डर की वजह

निरसा ओसीपी का विस्तार दो सप्ताह के भीतर करने की योजना है। इसके कारण विद्यासागर कॉलोनी के लोग डर और चिंता में हैं। स्थानीय निवासियों ने दावा किया है कि ओसीपी की भौगोलिक स्थिति कोयला उत्पादन के लिए उपयुक्त नहीं है। उत्तर दिशा में पुसई नदी, दक्षिण में पेट्रोल पंप और जीटी रोड, पश्चिम में भमाल गांव, और पूरब में खुदिया-महताडीह रोड इस परियोजना के विस्तार में बाधा बन रहे हैं।

इतना ही नहीं, इस परियोजना के लिए 100 साल पुराने विरसिंहपुर गांव के मार्ग को भी डायवर्ट किया गया है। इसके कारण लोग इसे ऐतिहासिक धरोहर के नुकसान के रूप में देख रहे हैं।

शिकायतें और निरीक्षण

कॉलोनी के लोगों ने इस मामले को खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) तक पहुंचाया। डीजीएमएस के अधिकारियों ने क्षेत्र का निरीक्षण किया और ईसीएल प्रबंधन को भारी ब्लास्टिंग पर रोक लगाने के निर्देश दिए। लोगों ने यह भी कहा कि ब्लास्टिंग के कारण घरों में दरारें आ रही हैं और उनके जीवन पर खतरा मंडरा रहा है।

ओसीपी का इतिहास

निरसा ओसीपी का इतिहास झारखंड में कोयला उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण रहा है। धनबाद, जिसे भारत का "कोयला राजधानी" भी कहा जाता है, में निरसा ओसीपी ने लंबे समय तक कोयला उत्पादन में योगदान दिया है। हालांकि, पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियों ने इस परियोजना को बार-बार बाधित किया है।

क्या होगा आगे?

प्रबंधन के अनुसार, ओसीपी चालू होने के बाद कोयला उत्पादन बढ़ेगा और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, प्रभावित लोग अब भी इस परियोजना के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।

धनबाद का यह घटनाक्रम विकास और विस्थापन के बीच संतुलन साधने की चुनौती को उजागर करता है। निरसा ओसीपी का पुनः संचालन धनबाद की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभावों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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