विश्व आदिवासी दिवस पर रौशनी सेवा संस्थान का सेवा शिविर और शोभा यात्रा सह झांकी का भव्य आयोजन
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जमशेदपुर के मानगो चौक पर रौशनी सेवा संस्थान द्वारा सेवा शिविर और शोभा यात्रा सह झांकी का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के प्रमुख लोग शामिल हुए।
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जमशेदपुर: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जमशेदपुर के मानगो चौक पर रौशनी सेवा संस्थान द्वारा एक भव्य सेवा शिविर और शोभा यात्रा सह झांकी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी समाज के योगदान को सम्मानित करना और उनकी संस्कृति, परंपराओं को बढ़ावा देना था।
सेवा शिविर का आयोजन:
रौशनी सेवा संस्थान के नेतृत्व में आयोजित इस सेवा शिविर में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। सेवा शिविर में स्थानीय निवासियों को आवश्यक सेवाएं प्रदान की गईं, जिसमें स्वास्थ्य जांच, शिक्षा सहायता, और आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं की जानकारी शामिल थी। संस्था के अध्यक्ष, श्री संजीत शर्मा जी और सरजू बास्के जी ने शिविर का संचालन किया और लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभों के बारे में जागरूक किया।
शोभा यात्रा सह झांकी:
सेवा शिविर के बाद, एक भव्य शोभा यात्रा सह झांकी का आयोजन किया गया, जिसमें आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिली। शोभा यात्रा में आदिवासी पारंपरिक वेशभूषा, लोक नृत्य और संगीत के माध्यम से उनकी समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित किया गया। इस कार्यक्रम में श्री विजय सोय और श्री राजीव रंजन सिंह (भाजपा) जैसे प्रमुख व्यक्ति भी शामिल हुए, जिन्होंने आदिवासी समाज के प्रति अपने समर्थन और सम्मान को प्रकट किया।
मुख्य अतिथियों का संबोधन:
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित मुख्य अतिथियों ने आदिवासी समाज की महत्वता और उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ने देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उनके अधिकारों की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है। साथ ही, उन्होंने रौशनी सेवा संस्थान के प्रयासों की सराहना की और ऐसे आयोजनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
विश्व आदिवासी दिवस के इस विशेष अवसर पर रौशनी सेवा संस्थान द्वारा आयोजित सेवा शिविर और शोभा यात्रा सह झांकी ने न केवल आदिवासी समाज के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि उनकी सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करने का भी एक महत्वपूर्ण प्रयास किया। इस कार्यक्रम ने समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को एक मंच पर लाकर आदिवासी संस्कृति और समाज के विकास के प्रति एकजुटता का संदेश दिया।
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