पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा को संतुलित रखने के लिए आनंद मार्ग ने सोनारी शांति समिति में बांटे 100 पौधे

आनंद मार्ग ने सोनारी शांति समिति में 100 से ज्यादा पौधे वितरित किए। जानें कैसे नव्य मानवतावाद और पर्यावरण संरक्षण के इस अभियान ने जमशेदपुर में पर्यावरण को संवारा। आनंद मार्ग द्वारा सोनारी शांति समिति में कितने पौधे वितरित किए गए और नव्य मानवतावाद का क्या महत्व है?

Jul 28, 2024 - 15:23
 0
पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा को संतुलित रखने के लिए आनंद मार्ग ने सोनारी शांति समिति में बांटे 100 पौधे
पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा को संतुलित रखने के लिए आनंद मार्ग ने सोनारी शांति समिति में बांटे 100 पौधे

जमशेदपुर, 28 जुलाई 2024: आनंद मार्ग की ओर से सोनारी शांति समिति में निशुल्क पौधा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पृथ्वी की गर्मी को कम करना और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना था। इस कार्यक्रम में अधिवक्ता सुधीर कुमार "पप्पू" के नेतृत्व में 100 से भी ज्यादा फलदार और औषधीय उपयोग वाले पौधे वितरित किए गए।

नव्य मानवतावाद का संदेश

आनंद मार्ग के अनुसार, नव्य मानवतावाद हमें यह सिखाता है कि पृथ्वी पर केवल मनुष्य ही नहीं, बल्कि पेड़, पौधे और जीव-जंतु भी इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं। आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP) जमशेदपुर ने पिछले 15 सालों में लगभग 1,50,000 से भी ज्यादा पौधों का निशुल्क वितरण किया है।

कार्यक्रम का विवरण

सोनारी कबीर मंदिर के पास आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न संगठनों को आम, आंवला, कटहल, हर्रे, बहेरा, शीशम, नीम, महानीम, सीता अशोक, अशोक, सिंदूर, अनार, अमरूद, जामुन, करंज और पीपल जैसे पौधे वितरित किए गए।

पृथ्वी के कल्याण के लिए नव्य मानवतावाद

आनंद मार्ग का कहना है कि जब तक हम पेड़, पौधों और जीव-जंतुओं को अपने परिवार के सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे, तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है। नव्य मानवतावाद इस विचारधारा को बढ़ावा देता है कि पृथ्वी पर सभी जीव-जंतु इस परिवार के सदस्य हैं और हमारा कर्तव्य है कि हम सभी को परिवार के सदस्य के रूप में स्वीकार करें। मनुष्य का परम आदर्श नव्य मानवतावाद होना चाहिए तभी पृथ्वी का कल्याण संभव है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।