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Sep 15, 2023 - 02:12
Aug 28, 2024 - 01:28
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बिहार: एक झलक | Bihar News - History ,Present and Future

प्रस्तावना

बिहार, भारतीय गणराज्य का एक महत्वपूर्ण राज्य है जो पूरे देश के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संजीवनी रूप से जिन्दा रखता है। इस लेख में, हम बिहार के बारे में एक गहरी जानकारी प्रदान करेंगे, इसके साथ ही इसके समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की छवि को प्रकट करेंगे।

बिहार का स्थान

बिहार का स्थान भारतीय उपमहाद्वीप के मध्य में है। यह भारत के पूर्वी भाग में स्थित है और उत्तर में नेपाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश, पूर्व में पश्चिम बंगाल, और दक्षिण में झारखंड के साथ सम्बंधित है। इसका क्षेत्रफल लगभग ९४,१५५ वर्ग किमी है, जिससे यह भारत का एक बड़ा राज्य है।

बिहार का भौगोलिक स्थान भी विशेष है क्योंकि यह गंगा नदी के किनारे स्थित है, जिसके कारण यहाँ का भूमि अत्यधिक फलदायक है। गंगा नदी का साफ पानी और उसके किनारों पर स्थित स्थल लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, बिहार के क्षेत्र में सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य, खेती, और वनस्पति धन होता है, जिससे यहाँ की खाद्य सामग्री उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

बिहार का स्थान भारतीय इतिहास के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसके क्षेत्र में कई प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं और धार्मिक स्थल हैं, जैसे कि गौतम बुद्ध ने बोधगया में अपना प्रथम धर्म चक्र प्रवर्तित किया था और महावीर स्वामी ने झरनियाँ गण क्षेत्र में जैन धर्म की शुरुआत की थी। इसके साथ ही, मौर्य साम्राज्य के समय में पाटलिपुत्र (नवीन पटना) बिहार की राजधानी और एक महत्वपूर्ण शहर था।

इस प्रकार, बिहार का स्थान भारत के इतिहास, भौगोलिक संरचना, और सांस्कृतिक धरोहर के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।

ऐतिहासिक महत्व

बिहार का ऐतिहासिक महत्व भारतीय इतिहास में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस राज्य का ऐतिहासिक विवरण भारतीय सभ्यता, धर्म, और सांस्कृतिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित हैं बिहार के ऐतिहासिक महत्व के कुछ प्रमुख पहलू:

  1. बौद्ध और जैन धर्म का उदयन: बिहार गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी जैसे महापुरुषों के धर्मिक उदयन का स्थल रहा है। बुद्ध ने बोधगया में अपना प्रथम धर्म चक्र प्रवर्तित किया था, जिससे बौद्ध धर्म का उदय हुआ। इसके साथ ही, महावीर स्वामी ने झरनियाँ गण क्षेत्र में जैन धर्म की शुरुआत की थी।

  2. मौर्य साम्राज्य का महत्व: बिहार मौर्य साम्राज्य का महत्वपूर्ण केंद्र था, जिसके शासक चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक थे। मौर्य साम्राज्य के समय में पाटलिपुत्र (नवीन पटना) बिहार की राजधानी थी और यह साम्राज्य भारत का सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली साम्राज्य था।

  3. नालंदा और विक्रमशिला: बिहार में नालंदा और विक्रमशिला जैसे प्रमुख शिक्षा संस्थान थे, जो भारतीय और विदेशी छात्रों के लिए धार्मिक और गणितीय शिक्षा प्रदान करते थे। ये संस्थान विश्वभर से छात्रों को आकर्षित करते थे और बिहार को शिक्षा का केंद्र बनाते थे।

  4. मौर्य साम्राज्य का संहार: मौर्य साम्राज्य के समापन के बाद, बिहार में गुप्त साम्राज्य का आगमन हुआ, जिसने भारतीय सम्राट चंद्रगुप्त गुप्त द्वारा स्थापित किया गया था। इसके बाद, बिहार का ऐतिहासिक महत्व गुप्त साम्राज्य के अधिकार में रहा।

इन आवश्यक घटनाओं ने बिहार को भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण केंद्र में से एक बनाया है और इसका ऐतिहासिक महत्व आज भी दुनियाभर के विश्वभर में मान्य है।

सांस्कृतिक धरोहर

बिहार की सांस्कृतिक धरोहर भारतीय सांस्कृतिक समृद्धि का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह राज्य भारतीय सांस्कृतिक विरासत को गर्व से निभाता है। निम्नलिखित हैं बिहार की प्रमुख सांस्कृतिक धरोहर:

  1. मिथिला पैटन चित्रकला: मिथिला पैटन चित्रकला बिहार की एक प्रमुख चित्रकला प्रवृत्ति है जो खासतर स्थानीय समृद्धि और पारंपरिक मूल्यों को दर्शाती है। इसमें सजीव रंगों का प्रयोग होता है और यह चित्रकला प्राचीन कथाओं और पौराणिक किस्सों को अद्वितीय तरीके से प्रस्तुत करती है।

  2. मधुबनी मुद्द चित्रकला: मधुबनी मुद्द चित्रकला भी बिहार की प्रमुख चित्रकला प्रवृत्ति है जो मधुबनी जिले से जुड़ी हुई है। इसमें पारंपरिक मोटी पेंसिल और कलम का प्रयोग होता है और यह चित्रकला मुद्दों (विषयों) पर आधारित होती है, जैसे कि धर्म, प्राकृतिक तथ्य, और समाजिक मुद्दे।

  3. बिहारी लाल की कविताएँ: बिहारी लाल यादव बिहार के प्रमुख कवि में से एक थे और उनकी कविताएँ भाषा, साहित्य, और समाज के विभिन्न पहलुओं को छूने वाली हैं। उनकी कविताएँ बिहार की सांस्कृतिक धरोहर में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और उन्होंने लोकप्रिय भाषा में श्रेष्ठ कविताएँ लिखी हैं।

  4. मैथिली गीत: मैथिली गीत और संगीत बिहार की सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये गीत और संगीत मैथिली भाषा में होते हैं और यह लोगों की आवाज और भाषा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो उनकी सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देता है।

इन सांस्कृतिक धरोहरों ने बिहार को एक अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षक बनाया है और इसके सांस्कृतिक विविधता को दुनिया के साथ साझा किया है।

पर्यटन

बिहार में पर्यटन का महत्वपूर्ण स्थान है और यहाँ पर विविधता से भरा पर्यटन स्थलों का संग्रह है। बिहार में पर्यटन के कुछ महत्वपूर्ण स्थल हैं:

  1. बोधगया: बोधगया बुद्ध धर्म के एक महत्वपूर्ण स्थल है जहाँ गौतम बुद्ध ने अपना प्रतिमानक उत्थान किया था। महाबोधि मंदिर यहाँ का प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहाँ पर बौद्ध धर्म के अनुयायी आते हैं।

  2. नालंदा: नालंदा एक प्रमुख शिक्षा संस्थान के रूप में प्रसिद्ध है, जो अगर जीता तो सब कुछ जीता है। यहाँ के गुरुकुल ने विश्वभर से छात्रों को आकर्षित किया और इसे एक शिक्षा केंद्र के रूप में मान्यता दी गई है।

  3. राजगीर: राजगीर एक प्राचीन शहर है जो मौर्य साम्राज्य के समय में महत्वपूर्ण था। यहाँ पर स्वर्ग कुटी, वीरायतन स्तूप, और गृद्धकूट विहार जैसे ऐतिहासिक स्थल हैं।

  4. वैशाली: वैशाली भगवान महावीर की जन्मस्थली मानी जाती है और यह एक महत्वपूर्ण जैन पर्यटन स्थल है।

  5. पटना: पटना बिहार की राजधानी है और यहाँ पर कुम्भ, नालंदा विश्वविद्यालय, और पटना साहिब जैसे महत्वपूर्ण स्थल हैं।

  6. केवड़िया: बिहार में सरदार पटेल स्टेच्यू जो सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा है, के लिए भी पर्यटन का महत्वपूर्ण स्थल है।

ये सिर्फ कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं, बिहार में और भी कई सुंदर स्थल हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं और इस राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करते हैं।

समृद्ध जलवायु

बिहार की समृद्ध जलवायु उसके सुंदर और विविध प्राकृतिक संसाधनों का परिणाम है जो इस राज्य को एक विशेष धरोहर बनाते हैं। बिहार का जलवायु चार आपकी ऋतुएँ (वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, और शरद) में विभिन्न अनुभवों का संयोजन है और यह यहाँ की जीवनशैली, कृषि, और पर्यटन को विशेष बनाता है।

  1. शरद ऋतु (Autumn): शरद ऋतु बिहार की सबसे सुंदर और सुहावनी ऋतु होती है। इस समय के मौसम में मनोहारी हरियाली, मिलने वाली ब्रीज, और बेहद प्यारी मौसम देखने को मिलते हैं। यह ऋतु अधिकांश त्योहारों के लिए बिहार में आती है और पर्यटकों को खींचती है।

  2. वर्षा ऋतु (Monsoon): बिहार में वर्षा ऋतु बहुत ही महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह फसलों के लिए मुख्य आपदा और भरपूर पानी की आपूर्ति लाती है। यहाँ के कृषि क्षेत्रों को खासतर चावल और घने वनस्पति के लिए प्राकृतिक सिंचाई प्रदान करती है।

  3. ग्रीष्म ऋतु (Summer): ग्रीष्म ऋतु बिहार में उच्च तापमान और गर्मी की ज़िल्द होती है, लेकिन यह भी पानी के श्रोतों की उपलब्धता के लिए महत्वपूर्ण होती है। यह ऋतु बिहार के गांवों में अधिक अवकाशों की समय बनाती है, जिनमें लोग अपने पर्यावरण का आनंद लेते हैं।

  4. वसंत ऋतु (Spring): वसंत ऋतु बिहार की सबसे मधुर और आकर्षक ऋतु होती है, जब प्रकृति अपनी ख़ुशबूदार और सुंदर ओर बदल देती है। फूलों का खिलना और बाग-बगिचों का हरियाली से भरना वसंत की खास विशेषता है।

बिहार का समृद्ध जलवायु यहाँ की सांस्कृतिक और जीवनशैली को और भी मनोहारी बनाता है और पर्यटन को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि पर्यटक यहाँ के अद्वितीय मौसम का आनंद लेते हैं।

भोजन संस्कृति

बिहार, भारतीय खाने की अद्वितीय और संवादनात्मक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ की भोजन संस्कृति ने बिहार को एक स्वादिष्ट खाने की यात्रा पर ले जाने का काम किया है। इस लेख में, हम बिहार की भोजन संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं को जानेंगे और इसके स्वादिष्ट व्यंजनों का खुमार मनाएंगे।

बिहार की भोजन संस्कृति की खासियत यह है कि यह भारतीय खाने की अनूठी भिन्नता प्रदान करती है। यहाँ के खाने के व्यंजन आपको एक अलग दुनिया में ले जाते हैं जो स्वाद की गारंटी देते हैं।

  1. लिट्टी और चोखा : लिट्टी और चोखा बिहार के प्रमुख खासियतों में से एक हैं। लिट्टी तांदव पिठिया हुआ आटा होता है जिसमें स्पाइसी मिर्ची, अदरक, और तिल का तेल होता है। चोखा खुदी की जाती है, जिसमें भरपूर मासू, टमाटर, और अदरक का स्वाद होता है। यह जोड़ी बिहार का पसंदीदा नाश्ता होती है।
  2. सत्तू : सत्तू बिहार की पौष्टिक खाद्य पदार्थों में से एक है, जिसमें भूसी गेंहू का आटा होता है। यह उबालकर या ठंडे पानी में मिलाकर खाया जा सकता है और इसमें प्रोटीन, विटामिन, और फाइबर का संग्रहण होता है। सत्तू की बिलकुल भी परिपूर्ण खाने की विकल्प है।
  3. सिंघाड़ा : बिहार में अक्षय तृतीया के त्योहार पर  सिंघाड़ा खाया जाता है। 

बिहार की मिठास

बिहार की खासियत यह भी है कि यहाँ की मिठास कुछ अलग है। बिहार के लोग अपने मिठाइयों को खास तरीके से बनाते हैं और उन्हें खाने का खुमार दिलाते हैं।

  1. खजूर की खीर : बिहार में खजूर की खीर बनाना एक प्रमुख पारंपरिक मिठाई है। खजूरों को दूध और चीनी के साथ पकाकर इसकी खीर बनाई जाती है, जिसका स्वाद अद्वितीय होता है।
  2. तिलकुट : तिलकुट बिहार की मकर संक्रांति पर बनायी जाती है। इसमें तिल, गुड़, और मूंगफली का संग्रहण होता है और यह खास तरीके से तैयार किया जाता है।

बिहार के पारंपरिक कपड़े

  1. बिहारी साड़ी: सौंदर्य की एक अद्वितीय कहानी. : बिहारी साड़ी, जिसे महिलाएं गर्मियों में पहनती हैं, उनकी आभूषण की तरह है - चमकदार, ब्राइट, और आकर्षक। यह साड़ी मुख्य रूप से सूपरनीका और भूतनाथ नामक प्रमुख ब्रांड्स द्वारा बनाई जाती है और इसकी कढ़ाई में मुक्तक की बुनाई की जाती है, जिससे इसका विशेष चमकदार डिज़ाइन बनता है।
  2. आंगना: बिहारी महिलाओं की पहचान : बिहार की महिलाएं अक्सर आंगना पहनती हैं, जो एक पारंपरिक ब्लाउज़ के साथ आती है। इसका स्वाद और डिज़ाइन बहुत ही विशेष होता है और यह महिलाओं की पहचान का प्रतीक माना जाता है।
  3. कुर्ता-पायजामा: परंपरागत और आधुनिक बनावट. : कुर्ता-पायजामा बिहार के पुरुषों और महिलाओं के पसंदीदा परिधान में से एक है। यह कपड़ा पुरानी परंपरा का प्रतीक है, लेकिन आधुनिक डिज़ाइन और कढ़ाई के साथ आजकल भी महिलाओं की पहचान बना रहा है।

समापन

बिहार एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भरपूर राज्य है जो भारत के उन्नति के सफर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका सौंदर्य, संस्कृति, और पर्यटन स्थलों का समृद्ध भण्डार है। बिहार के सौन्दर्य और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए, यह एक अद्वितीय और अनोखा राज्य है जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है।

अकेले प्रश्न (FAQs)

  1. क्या बिहार में पर्यटन के लिए अच्छे होटल्स उपलब्ध हैं?
    Ans : हां, बिहार में कई अच्छे होटल्स और आवासीय विकल्प उपलब्ध हैं जो पर्यटकों को सुखद अनुभव प्रदान करते हैं।

  2. बिहार का सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल कौन सा है?
    Ans : बिहार का सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल बोधगया है, जो बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है।

  3. बिहार की प्रमुख भाषा क्या है?
    Ans: मुख्य रूप से मैथिली और मगही भाषा बिहार में बोली जाती है, लेकिन हिंदी भी यहाँ पर बहुत आम भाषा है।

  4. क्या बिहार के पास अपनी खासी भूगोलिक विशेषता है?
    Ans: हां, बिहार का खासी भूगोलिक विशेषता है क्योंकि यह गंगा नदी के किनारे स्थित है, जिससे यहाँ का खेती और वनस्पति धन समृद्ध है।

  5. क्या बिहार में हिंदी फिल्म उद्योग है?
    Ans: हां, बिहार में हिंदी फिल्म उद्योग का एक महत्वपूर्ण स्थान है, और कई फिल्में यहाँ पर बनती हैं।

  6. बिहार की राजधानी कहां है|
    Ans:पटना
  7. बिहार की स्थापना कब हुई थी?
    Ans : 12 दिसंबर, 1911 को ब्रिटिश इंडिया के गवर्नर लार्ड हार्डिंग्स ने एक अलग प्रांत के रूप में 'बिहार और उड़ीसा' के निर्माण की घोषणा की थी। 22 मार्च 1912 को, बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम कानून अधिनियम, 1912 के माध्यम से, बिहार को ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य में एक अलग प्रांत के रूप में तराशा गया था।
  8. बिहार के संस्थापक कौन थे?
    Ans : बिहार में स्थापित पहला राज्य बिंबिसार और उनके पुत्र अजातशत्रु द्वारा स्थापित किया गया था। इस अवधि के दौरान बिहार दो महान संतों गौतम बुद्ध और जैन महावीर के जन्म का प्रमाण बना, जिन्होंने क्रमशः बौद्ध धर्म और जैन धर्म के दो महान धर्मों का प्रचार किया।

अभिन्न

बिहार एक ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और पर्यटन से भरपूर राज्य है जो भारत के दिल में स्थित है। इसकी सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक महत्व, और सांस्कृतिक विरासत ने इसे एक अद्वितीय स्थान दिलाया है। बिहार का भोजन, पर्यटन, और भूगोलिक विशेषता भी इसे और अधिक रोचक बनाते हैं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।