Jharkhand Fraud Alert – सरकारी नौकरी का झांसा! 1523 पदों पर निकली फर्जी वैकेंसी, ऐसे हो रहा था खेल
झारखंड में साइबर ठगों ने सरकारी नौकरी के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाई! 1523 पदों की फर्जी वैकेंसी निकालकर बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाया गया। जानें पूरा मामला।
झारखंड में साइबर अपराधियों ने बेरोजगार युवाओं को ठगने के लिए एक नया जाल बिछाया। इस बार निशाने पर था राज्य स्तरीय कृषि प्रबंधन, प्रसार सह प्रशिक्षण संस्थान (समेति)। ठगों ने समेति झारखंड की फर्जी वेबसाइट (www.jharkhandagri.com) बनाकर 1523 पदों की भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया। यह विज्ञापन पूरी तरह फर्जी था, लेकिन इसकी असली वेबसाइट से इतनी समानता थी कि कई युवा इसके झांसे में आ गए।
कैसे हुआ खुलासा?
फर्जी वेबसाइट पर नेशनल मिशन ऑन एग्रिकल्चर एक्सटेंशन एंड टेक्नोलॉजी, झारखंड के तहत ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर (BTM), असिस्टेंट टेक्नोलॉजी मैनेजर (ATM) और असिस्टेंट क्लर्क के पदों पर भर्ती की सूचना प्रकाशित की गई थी। जब इस संदिग्ध वेबसाइट के बारे में असली समेति झारखंड के निदेशक विकास कुमार को जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई।
उन्होंने स्पष्ट किया कि समेति झारखंड की असली वेबसाइट सिर्फ www.sameti.org है। किसी भी सरकारी भर्ती की जानकारी केवल इसी वेबसाइट और स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाती है।
असली और फर्जी वेबसाइट में यह था फर्क!
फर्जी वेबसाइट को इस तरह डिजाइन किया गया था कि कोई भी धोखा खा सकता था। लेकिन कुछ छोटे बदलावों ने इसे शक के दायरे में ला दिया—
असली वेबसाइट पर सिर्फ झारखंड सरकार का लोगो है, जबकि फर्जी वेबसाइट में बाईं ओर झारखंड सरकार का लोगो और दाईं ओर अशोक स्तंभ भी लगा था।
फर्जी वेबसाइट पर रिक्रूटमेंट से जुड़ी दो अतिरिक्त सूचनाएं दिखाई गईं।
ऑनलाइन अप्लाई के ऑप्शन पर क्लिक करने पर आवेदन पत्र खुलता था, जिसमें नाम, संपर्क नंबर, जन्मतिथि और पद का विवरण भरने के बाद लॉगिन आईडी और पासवर्ड ईमेल पर भेजा जाता था।
कितना था फर्जी आवेदन शुल्क?
इस फर्जी भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन शुल्क भी वसूला जा रहा था—
- जनरल और EWS वर्ग के लिए – ₹300
- OBC और EBC के लिए – ₹250
- SC/ST वर्ग के लिए – ₹100
इसके जरिए ठग बेरोजगार युवाओं से मोटी रकम वसूलने की फिराक में थे।
युवाओं को कैसे हो सकता था नुकसान?
- आवेदन शुल्क के नाम पर ठगी – पैसे देने के बाद न तो कोई नौकरी मिलती और न ही रकम वापस।
- व्यक्तिगत जानकारी की चोरी – ईमेल और फोन नंबर देकर युवा खुद को साइबर ठगों के जाल में फंसा सकते थे।
- भविष्य में धोखाधड़ी का खतरा – ठग इन जानकारियों का इस्तेमाल अन्य साइबर क्राइम में कर सकते थे।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं!
साइबर अपराधियों ने पहले भी कई सरकारी संस्थानों के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर युवाओं को ठगा है। 2019 में बिहार में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां सरकारी नौकरी के नाम पर हजारों बेरोजगारों से करोड़ों रुपये ठगे गए थे।
कैसे बचें ऐसे ठगों से?
हमेशा सरकारी भर्ती की जानकारी ऑफिशियल वेबसाइट और अखबारों से ही लें।
अगर कोई वेबसाइट संदेहास्पद लगे तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।
भर्ती की वेबसाइट पर स्पेलिंग और डिजाइन की बारीकी से जांच करें।
साइबर ठगों का मकसद सिर्फ बेरोजगार युवाओं को झांसे में लेकर उनसे ठगी करना है। अगर आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, तो किसी भी भर्ती से पहले उसकी जांच अच्छे से करें। वरना आप भी इस जाल में फंस सकते हैं!
What's Your Reaction?


