चंपई सोरेन, शिबू सोरेन के खास, इसलिए मिला मौका

चंपई सोरेन, शिबू सोरेन के खास, इसलिए मिला मौका
चंपई सोरेन, शिबू सोरेन के खास, इसलिए मिला मौका

चंपई सोरेन, शिबू सोरेन के खास, इसलिए मिला मौका

रांची, 31 जनवरी 2024: झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को इस पद के लिए मौका मिलने के पीछे उनके पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक शिबू सोरेन का खास होना बताया जा रहा है। चंपई सोरेन हेमंत सोरेन के छोटे भाई हैं, जो अभी तक झारखंड के मुख्यमंत्री थे। हेमंत सोरेन पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

चंपई सोरेन को झामुमो विधायक दल का नेता चुनने के लिए बुधवार को विधायक दल की बैठक हुई थी। बैठक में सभी विधायकों ने चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया। राज्यपाल रमेश बैस ने चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाने के लिए 1 फरवरी की तारीख तय की है।

चंपई सोरेन झारखंड के सरायकेला जिले से विधायक हैं। उन्होंने इससे पहले हेमंत सोरेन कैबिनेट में परिवहन, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया था।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद का मौका मिलने के पीछे उनके पिता शिबू सोरेन का खास होना सबसे बड़ा कारण है। शिबू सोरेन झारखंड के सबसे प्रभावशाली आदिवासी नेता हैं और झामुमो में उनकी मजबूत पकड़ है। चंपई सोरेन उनके सबसे करीबी हैं और उनकी सभी गतिविधियों में उनका सहयोग रहता है।

चंपई सोरेन को झारखंड में "टाइगर" के रूप में जाना जाता है। उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के लिए उन्हें यह नाम मिला है। वह एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं और उनके पास झारखंड के मुद्दों और चुनौतियों की अच्छी समझ है। उनके मुख्यमंत्री बनने से राज्य में नई उम्मीद जगी है।

चंपई सोरेन की चुनौतियाँ

चंपई सोरेन के सामने कई चुनौतियाँ हैं। उन्हें हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद छोड़े गए पदों को भरना होगा। उन्हें राज्य में कानून-व्यवस्था और विकास के मुद्दों पर ध्यान देना होगा। उन्हें हेमंत सोरेन पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से भी निपटना होगा।

चंपई सोरेन एक कुशल नेता हैं और उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया है। उम्मीद है कि वह इन चुनौतियों का भी सफलतापूर्वक सामना करेंगे और झारखंड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।