प्रग्गानंधा: एक चमकते सितारे की जीवनी | Praggnanandhaa's life story in Hindi

प्रग्गानंधा की जीवनी - उनके शतरंज के क्षेत्र में उनकी उम्र के बावजूद अद्भुत सफलता की कहानी। उनके बारे में जानिए उनकी प्रेरणादायक जीवन गाथा।

प्रग्गानंधा: एक चमकते सितारे की जीवनी | Praggnanandhaa's life story in Hindi
प्रग्गानंधा: एक चमकते सितारे की जीवनी | भारत के युवा शतरंज के महारथी | Praggnanandhaa's life story in Hindi

प्रग्गानंधा: एक चमकते सितारे की जीवनी | भारत के युवा शतरंज के महारथी

आर. प्रज्ञाननंद: एक प्रतिभाशाली शतरंज खिलाड़ी

आर. प्रज्ञाननंद एक भारतीय शतरंज खिलाड़ी हैं, जो 10 साल, 10 महीने और 19 दिनों की उम्र में ग्रैंडमास्टर (GM) बनने वाले भारत के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2016 में इस उपलब्धि को हासिल किया। प्रज्ञाननंद को "भारतीय शतरंज का भविष्य" के रूप में भी जाना जाता है।

प्रज्ञाननंद का जन्म 10 अगस्त 2005 को चेन्नई, भारत में हुआ था। उनके पिता रमेशबाबू एक बैंक कर्मचारी हैं और उनकी माँ नागलक्ष्मी एक गृहिणी हैं। प्रज्ञाननंद ने तीन साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया था। उनके पिता ने उन्हें शतरंज सिखाया था।

प्रज्ञाननंद ने अपनी शतरंज यात्रा में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। उन्होंने 2013 में 8 साल की उम्र में FIDE मास्टर (FM) का खिताब जीता था। उन्होंने 2015 में 9 साल की उम्र में 1000 अंकों के शीर्ष पर पहुंचकर शीर्ष 1000 भारतीय शतरंज खिलाड़ियों में शामिल हो गए।

प्रज्ञाननंद ने 2016 में 10 साल, 10 महीने और 19 दिनों की उम्र में ग्रैंडमास्टर (GM) का खिताब हासिल किया। उन्होंने यह उपलब्धि हासिल करने के लिए 3000 अंकों के शीर्ष पर पहुंचना और तीन GM मानदंड पूरे करना आवश्यक था।

प्रज्ञाननंद ने अपने GM मानदंडों को 2016 में तीन अलग-अलग टूर्नामेंटों में पूरा किया। उन्होंने एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में पहला मानदंड पूरा किया। उन्होंने फिडे रैपिड चेस चैंपियनशिप में दूसरा मानदंड पूरा किया। और उन्होंने फिडे रैपिड चेस ओपन में तीसरा मानदंड पूरा किया।

प्रज्ञाननंद ने अपने GM खिताब के बाद कई और टूर्नामेंटों में जीत हासिल की है। उन्होंने 2017 में विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। उन्होंने 2018 में एशियाई अंडर-16 शतरंज चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। और उन्होंने 2019 में एशियाई जूनियर शतरंज चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।

प्रज्ञाननंद को भारतीय शतरंज के भविष्य के रूप में देखा जाता है। वह एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और उन्होंने अपनी शतरंज यात्रा में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। वह भारत के लिए और भी कई उपलब्धियां हासिल करेंगे বলে उम्मीद है।

FAQs:


1: भारत का प्रथम अंतर्राष्ट्रीय शतरंज मास्टर होने का श्रेय किसे प्राप्त है ?
Ans: विश्वनाथन आनंद